कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने कांग्रेस पर किया पलटवार

ख़बरें अभी तक। भिवानी पहुंचे कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्वामीनाथन रिपोर्ट को दबाए रखने की चोर है. कांग्रेस को फसलों के समर्थन मूल्य पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं, उन्होंने कहा कि बाजरे के समर्थन मूल्य में 97 फिसदी बढौतरी की है जो अकेला दोनों दलों से लड़ेगा, धनखड़ ने कहा कि सभी फसलों के भाव समान हो गए हैं, अब किसान कोई फसल बिजे उसे हर माह प्रति फसल 4800 रुपये मिलेंगे.

बता दें कि पीएम मोदी द्वारा देश में फसलों के समर्थन मूल्य में बढौतरी के बाद प्रदेश सरकार गदगद है. इसी कड़ी में हरियाणा में कई बड़ी रैली होगी. भिवानी पहुंचे कृषि मंत्री ओपी धनखङ ने कहा कि इसी कड़ी में 21 जुलाई को महेन्द्रगढ में बाजरा किसान धन्यवाद रैली होगी, जिसमें सीएम के साथ केन्द्र व प्रदेश के बङे मंत्री मौजूद होंगें। रैली को लेकर धनखङ ने भाजपा कार्यक्रताओं की बैठक भी ली.

बैठक के बाद मीडिया से रूबरू हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पहले चौधरी बंसीलाल कहते थे वो भिवानी में पानी लाकर अंगूर उगवाएंगे ताकि यहां के लड़कों की दूसरे जिलों में भी शादियां हो सकें, लेकिन सभी फसलों में 50 फिसदी लाभ मूल्य तय कर मोदी ने ऐसा फार्मूला तय कर दिया को अपने बच्चों की शादियां कहीं करो।. साथ ही उन्होंने कहा कि बाजरे के समर्थन मूल्य में 97 फिसदी बढौतरी हुई है जिसमें किसान मशीहा सर छोटूराम की कहावत को भी बदल दिया और आज बाजरा अकेला दोनों दलों (कांग्रेस-इनेलो) से लड़ेगा. उन्होंने कहा कि अब सभी फसलों के दाम बराबर हो गए है. किसान अपने खेत में फसल कोई लगाए उसे प्रति फसल प्रति माह 4800 रुपये मिलेंगे. उन्होंने का कि हरियाणा पहला प्रदेश होगा जिसकी सरकार एक फसल के एक बार में 33 हजार 500 करोङ रुपये किसानों को देगी.

वहीं फसलों के समर्थन मूल्य पर कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस स्वामीनाथन रिपोर्ट की चोर है जिसमें सालों तक इस रिपोर्ट को दबाए रखा. उन्होने कहा कि इस रिपोर्ट के भूपेन्द्र हुड्डा मुखिया थे और उनके समेत चार सीएम इस कमेटी में थे. उन्होंने कहा कि ऐसे में कांग्रेस को सवाल उठाने का कोई हक नहीं. उन्होंने सरसों के समर्थन मूल्य पर ना बिकने तथा अभी तक किसानों का भूगतान होने के सवाल को घुमाते हुए कहा कि इस बार 9.5 एमटी सरसों का उत्पादन हुआ था और 2.37 एमटी की खरीद हुई है. साथ ही फसल बिमा कंपनी के पर उठ रहे सवालों पर उन्होने कहा कि कंपनी को क्या मिला और क्या दिया ये मुद्दा नहीं. मुद्दा ये है कि किसानों को क्या मिला. साथ ही उन्होंने कहा कि बिमा कंपनियां हर देश में हर क्षेत्र में हैं, केवल फसल बिमा कंपनियों पर सवाल उठाना ठिक नहीं. उन्होंने कहा कि चुनाव समय पर होंगे.