वैश्य महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन

ख़बरें अभी तक। भिवानी: केंद्र एवं हरियाणा सरकार की बेशर्मी एवम हठधर्मिता के कारण आज देश भर के विश्विद्यालय और महाविद्यालयों के शिक्षक बार-बार धरने प्रदर्शन एवं आंदोलन के लिए मजबूर हैं। सरकार बार-बार आश्वाशन देकर भी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को शिक्षकों पर लागू करने में जानबुझ कर विलंब कर रही है। यह बयान एच सी टी ए (हरियाणा कॉलेज टीचर एसोसिएशन )के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र सिंह चाहर ने वैश्य महाविद्यालय प्रांगण में दो घंटे के सांकेतिक धरने पर बैठे शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए दिया। ए आई एफ यू सी टी ओ(आल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर आर्गेनाईजेशन) और एच सी टी ए  (हरियाणा कॉलेज टीचर एसोसिएशन )के आह्वान पर प्रदेश भर के कॉलेज टीचर्स ने आज अपने अपने महाविद्यालय प्रांगण में दो घण्टे का सांकेतिक धरना दिया। इसी कड़ी में वैश्य महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भी एच टी सी ए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र सिंह चाहर के नेतृत्व में कॉलेज प्रांगण में धरना दिया।

धरने को सम्बोधित करते हुए डॉ. रश्मि बजाज एंव प्रो.नरेन्द्र सिंह बताया कि केंद्र सरकार शिक्षकों की मूलभूत मांगो को जानबुझ कर अनदेखा कर रही है।उन्होंने कहा कि  एसोसिएशन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री से ज्ञापन के माध्यम से यह मांग करती है कि जो वर्ग इस देश के भविष्य का निर्माण करने में सबसे उलेखनीय भूमिका निभा रहा है उस शिक्षक वर्ग के लिए भी 7वें वेतन आयोग को समान रूप में अविलम्ब जारी किया जाए। उन्होंने शिक्षकों की मुख्य मांगो का जि़क्र करते हुए कहा कि 7वे वेतन आयोग लागू करने के साथ साथ पुरानी पेंशन स्कीम को भी लागू किया जाए।

उन्होंने कहा की शिक्षकों की अन्य मांगो में मुख्य रूप से एम फिल और पीएचडी धारक शिक्षकों की वेतन वृद्धि को मूल वेतन में जोड़े जाने, महाविद्यालयों में भी विश्वविद्यालयों की तजऱ् पर प्रोफेसर के पद लागू करने,सेवानिवर्ति की उम्र 65 वर्ष करने,सरकारी कॉलेज की तजऱ् पर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज शिक्षक को भी व्यापक चिकिसा योजना का लाभ मिलने, पेंशन लाभ प्राप्त करने हेतु न्यूनतम सेवा कार्यकाल 28 से घटाकर 20 घंटे करने तथा विश्वविद्यालयों में सव: पोषित शिक्षक पदों को बजट पदों में तब्दील किया जाना शामिल हैं।

नरेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार एक साजिश के तहत यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के अस्तित्व को समाप्त कर रही है जो निंदनीय है क्योंकि यू जी सी को समाप्त करने का अर्थ है शिक्षा संस्थानों के सामने बहुत बड़ा आर्थिक संकट खड़ा करना। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भारत सरकार मेक इन इंडिया का नारा दे रही है और दूसरी और इंडिया को सही मायने में मेक करने वाले शिक्षकों को नजऱ अंदाज़ कर रही है।प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार नहीं चेती तो शिक्षक वर्ग बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होगा। इसी कड़ी में 3 अगस्त को पूरे देश के शिक्षक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।