यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पर फिर लगाई रोक

खबरें अभी तक। गुरुवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक बार फिर देश के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद ही इस प्रक्रिया पर रोक लगाई गई. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने राज्यसभा को बताया कि सरकार ने विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में शिक्षण पदों पर भर्ती पर रोक लगा दी है, क्योंकि विभागवार आरक्षण लागू करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उसकी विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

प्रकाश जावड़ेकर ने शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने पर कहा कि सरकार अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी-एसटी) और ओबीसी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है। सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय से सहमत नहीं है जावड़ेकर ने कहा कि यूजीसी और केंद्र सरकार ने इस आदेश के विरुध अलग-अलग विशेष अनुमति याचिका दायर की हैं और इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 अगस्त है।

जावड़ेकर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को बचाने में कामयाब होंगे. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि यूजीसी ने पांच मार्च को अजा-अजजा एवं ओबीसी आरक्षण के लिए 13 सूत्री आरक्षण रोस्टर जारी किया था। इसमें विश्वविद्यालय-कॉलेज के बजाय विभाग को ध्यान में रखते हुए आरक्षण सूची बनाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि यूजीसी आदेश को निष्प्रभावी किया जाए। उनकी इस मांग का नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने समर्थन किया।