सरकार के फैसले के खिलाफ नगर पार्षद सहित लोगों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा

खबरें अभी तक। केन्द्र की मोदी सरकार एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को पूरे देश में बल दे रही है। लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश की जयराम सरकार कुछ सरकारी स्कूलों को बंद करके दूसरे स्कूलों में मर्ज करके बेटियों को पढ़ने से वंचित करने जा रही है। मामला ज्वाली शिक्षा खंड के राजकीय माध्यमिक पाठशाला भनेई का है। इस पाठशाला को बंद करके राजकीय उच्च पाठशाला मकडाहन में मर्ज करने के आदेश से कारण नगर पंचायत वार्ड भनेई के पार्षद व लोगों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोगों ने इस संबध में विभाग व सरकार को पत्र लिखकर इस स्कूल को बंद करने का कड़ा विरोध किया है। उन्हेंने कहा कि उक्त स्कूल से राजकीय उच्च पाठशाला मकडाहन की दूरी करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर है। जबकि शिक्षा विभाग द्वारा इसकी दूरी डेढ़ किलोमीटर बताई गई है।

उन्होंने कहा कि इतनी दूर नन्हे बच्चों को भेजना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे ग्रामीण क्षेत्र से सम्बंध रखते हैं तथा दिहाड़ी लगाकर बच्चों को पढ़ाने के साथ.साथ परिवार का पालन.पोषण करते हैं। उन्होंने कहा कि दिहाड़ी लगाने के चक्कर में इतनी दूर बच्चों को रोजाना स्वयं भी छोड़ने नहीं जा सकते। जगपाल ने कहा कि उक्त स्कूल की माध्यमिक का दर्जा कांग्रेस के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव नीरज भारती द्वारा जनता की पुरजोर मांग पर बढाया गया था। जिससे गरीब बच्चों को घर.द्वार अच्छी शिक्षा मिल रही थी। परन्तु मर्ज करने के निर्णय ने गरीब जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। लोगों ने  कहा कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार द्वार अच्छी शिक्षा देने के दावे कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ स्कूलों का मर्ज करके दूरदराज के स्कूलों में बच्चों को जाने को मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में राजकीय मिडल स्कूल भनेई का विलय नहीं होने दिया जाएगा।