शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए एक्शन में आये तहसीलदार

खबरें अभी तक। जिलाधिकारी के निर्देश पर रसूलाबाद के तहसीलदार राजीव उपाध्याय द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने क्षेत्र में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों की जमीनी हकीकत भी परखी। खंड शिक्षाधिकारी ज्ञान प्रकाश अवस्थी के साथ जाकर जब साँई पब्लिक स्कूल शुक्लन निवादा रतनपुर की जांच की तो वहाँ के डायरेक्टर व प्रधानाचार्य मान्यता के कोई भी रिकार्ड नही दिखा पाए तो उनका पारा सातंवे आसमान पर चढ़ गया।

उन्होंने विद्यालय को फर्जी मानते हुए विद्यालय का बोर्ड हटवा दिया और बच्चों से इस गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय में न पढ़ने की अपील करते हुए चेताया कि इस फर्जी विद्यालय में पढ़ने से आपका भविष्य अंधकार में रहेगा। इसलिए आप लोग मान्यता प्राप्त विद्यालय में ही शिक्षा ग्रहण करे। खण्ड शिक्षाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने बताया कि इस गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय को बंद करने की दो बार नोटिस विभाग द्वारा दी जा चुकी है लेकिन यह दबंगई के दम पर गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय चलाया जा रहा है।

बच्चों का किया उत्साहवर्द्धन

तहसीलदार व खण्ड शिक्षाधिकारी ने वहीं समीप स्थित अवध नरेश सिंह गौर इंटर कालेज में जाकर भी मान्यता के कागजात चेक किये तो वह पूर्ण पाए गए। उन्होंने यहाँ कक्षा 4 के बच्चे अनुभव कुमार से अंग्रेजी में ब्वाय व शिवानी कुशवाहा से चाइल्ड बोर्ड पर लिखवाया तो बच्चों ने लिख दिया। जिस पर तहसीलदार राजीव उपाध्याय ने अनुभव को पुरुस्कृत कर उनका मनोबल बढ़ाया। तहसीलदार ने कहा कि शिक्षा बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। माफिया लोग शिक्षा व्यवस्था के साथ भी खिलवाड़ कर बिना मान्यता के ही विद्यालय चला रहे है, जो गम्भीर चिंता की बात है। मेरे रहते बिना मान्यता के कोई विद्यालय अब चल नही पायेगा। शिक्षा माफिया लोग कान खोल कर सुन ले, बच्चों की शिक्षा के हित में मुझे कितना भी संघर्ष करना पड़े हम उसके लिए तैयार है।

अभिभावकों को भी होना पड़ेगा जागरूक

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों को हर हाल में पढ़ाना ही पड़ेगा। गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के संचालन कर्ता एक तो महंगी फीस अभिवावकों से वसूल रहे है और बच्चों को दूसरे विद्यालयों में दर्ज कराए हैं। जबकि अभिभावक इस बात से अंजान हैं कि उनके बच्चे की टीसी व अन्य रिकार्ड दूसरे विद्यालयों के बनेंगे। अब यह  अभिभावकों को धोखा देने वाला काम चलने वाला नही है। यह क्षेत्र शिक्षा के मामले में कितना पिछड़ा है। अभिभावकों को भी जागरूक होना पड़ेगा। अभिभावकों बच्चों के भविष्य का सवाल है, आप लोग भी विद्यालयों पर नजर रखे जो शिक्षक विद्यालय न आये शिकायत करें।

जिलाधिकारी को भेजी रिपोर्ट

तहसीलदार ने बताया कि इस क्षेत्र की शिक्षण व्यवस्था बहुत ही चिंतनीय है, यहां शिक्षा माफिया बिना मान्यता के ही विद्यालय चलाकर अभिभावकों की जेबों को खाली कर अपनी जेबें भर रहे है। प्राथमिक विद्यालयों के अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजकर सख्त कार्यवाही की अनुशंसा की गई है। साथ ही गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय को बंद कराकर उन्हें चेतावनी दी गयी है। उन्होंने कहा अब मान्यता के बाद ही विद्यालय चलेगा। निर्देशो का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना के साथ मुकदमे भी दर्ज कराए जा सकते है।