अनिल विज का बयान, कांग्रेस है मॉब लिंचिंग की जननी

खबरें अभी तक। इन्टॉलरेंस शब्द के बाद राजनीति में अब मॉब लीनचिंग शब्द काफी कहा और सुना जा रहा। मॉब लीनचिंग की परिभाषा यानी भीड़ तंत्र द्वारा किसी को मौत के घाट उतार देने को कहा जाता है। जो आज देश के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। कभी बच्चा चोरी के शक में भीड़ किसी की जान ले लेती है तो कभी गौ तस्करी के आरोप में लोग खुद ही न्यायविद बनकर किसी को भी मौत की नींद सुला देते हैं। ये स्थिति दिन ब दिन विस्फोटक होती जा रही है। भाजपा के कदावर नेता और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने मॉब लीनचिंग जैसे विवादित शब्द को कांग्रेस के साथ जोड़कर नई बहस को हवा दे दी है।

भाजपा ने मॉब लीनचिंग यानी भीड़ तंत्र द्वारा किसी को भी मौत के घाट उतार देने वाले विवादित शब्द को कांग्रेस के साथ जोड़कर नई बहस को न्योता दे दिया है। राजस्थान के अलवर में भीड़ द्वारा गौ तस्कर समझकर मौत के घाट उतार दिए गए हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के कोलगांव के रकबर की मौत के बाद मॉब लीनचिंग पर एक बार फिर बहस शुरू हो गयी है। मॉब लीनचिंग पर देश की सर्वोच्च अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट भी गहन चिंता व्यक्त कर चुकी है। मॉब लीनचिंग के मुद्दे पर अम्बाला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने इसकी नई परिभाषा ही गढ़ दी। अनिल विज ने इसे सीधे अपनी विपक्षी पार्टी कांग्रेस से जोड़कर कांग्रेस पर कई तरह के आरोप जड़ दिए।

11 अलवर में हुई फिरोजपुर झिरका के रकबर की हत्या के मामले पर बोलते हुए अनिल विज ने कहा कि ऐसे मामलों पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना कन्सर्न शो किया है। दरअसल कांग्रेस ही मॉब लीनचिंग की असल जननी है क्योंकि कांग्रेस ने 1984 में अपने कार्यकर्ताओं को मॉब लीनचिंग के लिए उकसाकर सिखों का कत्लेआम करवाया। उस वक्त के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी उसका समर्थन किया और कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती तो हिलती ही है। कांग्रेस मॉब लीनचिंग की जन्मदाता है उसके अब कहीं न कहीं रिपीटीशन हो जाती है। इस पर अब सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हुई है जल्दी ही इस पर रोक लगाई जाएगी।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया में दिए एक बयान में कहा था कि भीड़ मुसलमानों के पीछे कुत्ते की तरह पड़ी हुई है । जिस पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि फारुख अब्दुल्ला को तब ये बातें याद नहीं आती जब कश्मीर में सेना पर पत्थर बरसाए जाते हैं। जब पाकिस्तान से आए हुए आतंकवादी निहत्थे लोगों को गोलियों से भूनते हैं। सैनिकों को शहीद करते हैं।

रिएक्शन के तौर पर कहीं इक्का दुक्का कोई घटना हो जाती है हालांकि गलत है जो नहीं होनी चाहिए, उस पर इनको बहुत पीड़ा होती है। फारुख अब्दुल्ला की शब्दावली पर बोलते हुए विज ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी जिंदगी में फेल हो जाता है और अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाता वो ही निम्नस्तर की शब्दावली का उपयोग करता है जैसा कि फारुख अब्दुल्ला कर रहे हैं।