ग्राम प्रधान संगठन ने डीपीआरओ के खिलाफ खोला मोर्चा

खबरें अभी तक। भारत के प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री जहां लगातार विकास की बात करते है और विकास के लिए लगातार बजट भी भेज रहे है। लेकिन इस बजट को जनता तक लाभ पहुंचाने की इकाई ग्राम प्रधान अब इस बजट के चक्कर मे फंस चुके है। क्योंकि अगर उन्हें जनता के विकास के लिए बजट लेना पड़ेगा तो उसके पहले उन्हें इस बजट की कीमत यानी रिश्वत देनी पड़ेगी। वो भी एक जिम्मेदार और *सूबे के मुख्यमंत्री से सफाईगिरी का इनाम प्राप्त किये डीपीआरओ साहब को*।

केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों के सम्पूर्ण विकास के लिए उन्हें ज्यादा अधिकार देने की बात कर रही है। लेकिन औरैया जिला पंचायत राज विभाग ने पंचायतों के अधिकारों का हनन करते हुए अभिलेखों और कैमरे के नाम पर पंचायतो से ब्लेंक चेक जमा करवाने के बाबजूद उन्हें सामान नहीं दिया गया। यहीं नहीं जिला पंचायतराज अधिकारी नोटिस जारी कर धन उगाही कर रहे है।जिससे आजीज आकर ग्राम प्रधान संगठन ने डीपीआर ओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रधान संघ का कहना है कि जब तक डीपीआरओ हट नहीं जाते तब तक आंदोलन करते रहेंगे। जिससे जिला पंचायत राज अधिकारी के इस कारनामे में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी के भ्रष्टाचार पर देखिये रिपोर्ट।

जिला पंचायत राज अधिकारीे ने ग्राम पंचायतो से अभिलेख और कैमरा खरीदने के   लिए धनराशि जमा करने का फरमान सुनाया जिसके बाद प्रधानों ने विभाग में चेको को लगभग डेढ़ साल पहले जमा करा दिया लेकिन प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी के के अवस्थी ने कैमरा और अभिलेख नही दिए।चेको के विवरण को आप देख सकते है जिसमे ये साफ़ देखा जा सकता है की पंचायतो से अभिलेख खरीदने के नाम पर 3 -3 हजार रुपया ब्लेंक चेक के माध्यम से जमा कराया गया जबकि 8-8 हजार रुपया कैमरा खरीदने के नाम पर ब्लेंक चेक के माध्यम से पंचायत राज विभाग में जमा कराये गए है। सरकार ने ग्रामो के सम्पूर्ण विकास के लिए पंचायतो को विकेंद्रीयकृत किया गया है जिससे वह अपनी पंचायत की जरुरत के हिसाब से सरकारी धन को खर्च कर सके। पंचायतो को जरुरत के हिसाब से 1 लाख तक की सामग्री क्रय करने के अधिकार है लेकिन औरैया जिला पंचायत राज के प्रभारी अधिकारी के के अवस्थी ने उनके अधिकारों का हनन करते हुए अपनी मर्जी के हिसाब से अभिलेख और कैमरा खरीदने को मजबूर किया।।लेकिन अभी तक उन्हें सामान नहीं दिया गया अब अधिकारी के के अवस्थी ने उन्हीं चेकों के लिए लगभग सभी पंचायतों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिये है।जिससे प्रधान संघ खासा नाराज है और प्रभारी अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।प्रधानों का कहना है कि प्रभारी अधिकारी बिना किसी कारण के नोटिस जारी कर अवैध रूप से रुपयों को मांग करते है।।

वहीं भाग्यनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत आमपुर के प्रधान ने आरोप लगाया कि उनकी ग्राम पंचायत में शमसान निर्माण के लिए सरकार ने धनराशि जारी की थी जिसका वह मानक के अनुरूप कार्य कराया रहे थे जिस पर डी पी आर ओ के.के अवस्थी ने कमीशन मांगा ।जब कमीशन नहीं दिया तो मानकविहीन काम बता कर उनके निर्माण को बंद करा दिया गया।

वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी के.के अवस्थी ने प्रधानों के द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया जबकि शमसान निर्माण रोकने की बात पर कहा कि प्रधान ट्रस्ट की जमीन पर निर्माण करा रहे है इसलिये रोक लगाई गयी है।