सता की पावर के आगे बौना साबित हुआ नेशनल हाइवे ऑथरिटी का नियम

खबरें अभी तक। सता के पावर के आगे बौना हुआ नेशनल हाइवे ऑथरिटी का नियम। बिना टोल शुल्क दिए पार हुए सैकड़ो वाहनो का काफिला। जदयू नेता आर सीपी सिंह के काफिले के साथ सैकड़ो गाड़ियों का काफिला सासाराम टॉल प्लाजा से अपने पावर और सत्ता के रौब से पार हो गए। सरकारी राजसवो को किया गया नुकसान। किसी भी राजनितिक दल के नेता और कार्यकर्ता को नियमानुसार कोई छूट का प्रवधान नहीं है। फिर भी नियम को ताक पर रख कर गुजर गए सैकड़ो वाहन । अगर बिपक्ष का कोई नेता करता तो होते हंगामे।

सवाल ये है की जब आम जनता गलती से अगर टॉल नाके से गुजरने की कोशिश भी कर दी या थोड़ा आगे बढ़ गए तो यही टॉल नाके के अधिकारी कई नियम और कानून समझाते यहां तक कभी कभी बल के प्रयोग कर अपनी पावर दिखाने से बाज नही आते। लेकिन आज सत्ता के सनक और रौब के आगे इनको सांप सूंघ गया या नियम कानून ही भूल गए। जब ये करवा गुजर रहा था तब ऐसा नही की अधिकारी या कानून के नुमाइंदे साथ नही थे।  लेकिन उनके साथ सत्ताधारी पक्ष और नितीस कुमार के सबसे करीबी आरसीपी सिंह जो थे।

जितने देर यह काफिला गुजरता रहा आम जनता चुप चाप सता और पावर की हाई वोल्टेज ड्रामा देख रही थी और महसूस कर रही थी की किस तरह सता के सनक और पद के रौब से नियमो की धजिया उड़ाई जा रही है। कानून के रखवाले ही कानून को तोड़ने में व्यस्त है।

NH के अधिकारी भी बिलकुल निरिह गाय के तरह तमसा देख रहे थे । क्या सुशासन बाबू को यह नही दिखाई पड़ेगा।  आज से दो साल पहले भी सिवान के राजद के पूर्व संसद शहाबुदीन जेल से छूट कर सिवान जा रहे थे। उस समय भी NH के नियमो को तोड़कर टॉल टैक्स बिना दिए हजारों वाहन पार हुए थे। उस समय भी नितीश कुमार सता पर काबिज थे।

नियमो और कानून का ढोल पीटने वाले क्या इस पर कुछ बोलेंगे, आम जनता जब कुछ नियमों को गलती से तोड़ दे तो उसको यही कानून के रखवाले करवाई करते है। तो क्या इस पर भी करवाई होगी।