आज रात लगेगा सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, जानिए क्या करें क्या ना करें

ख़बरें अभी तक। आज रात सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण रात 11.54 से शुरू होकर अगले दिन 28 जुलाई सुबह 3.49 तक रहेगा, यानी यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. जिसकी अवधि 3 घंटे 55 मिनट तक है. वहीं सदी के सबसे लंबे चंद्रगहण को लेकर खगोल विशेषज्ञों समेत ज्योतिषियों और विज्ञान में रुचि रखने वाले सभी लोगों को काफी उत्‍सुकता है. बता दें कि इससे पहले 16 जुलाई साल 2000 में सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण हुआ था यह इस  बार के पूर्ण चंद्रग्रहण से चार मिनट ज्यादा लंबा था.

27 जुलाई को ग्रहण शुरू होने से पहले दोपहर 02:54 बजे से 28 जुलाई को रात्रि 03: 49 बजे तक के समय को सूतक काल माना जा रहा है. सूर्योदय के बाद सूतक समाप्त माना जाएगा.

अब आपको ये बताएंगे कि चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा हमेशा लाल रंग का क्यों दिखाई देता है.

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रग्रहण के वक्त सूर्य और चांद के बीच में पृथ्वी आ जाती है. इस वजह से सूर्य की रोशनी रुक जाती है. ऐसी वजह से चंद्रमा का रंग लाल हो जाता है.

इस चंद्रग्रहण के दिन रात के समय आकाश में एक अन्य लाल रंग का चमकता हुआ पिंड मंगल भी अपना विशेष प्रभाव छोड़ने जा रहा है. मंगल ग्रह सूर्य के लगभग विपरीत दिशा में होगा और इसलिए यह ग्रह पृथ्वी के करीब होगा. उस दौरान लाल ग्रह मंगल और लाल रंग का चंद्रमा रात के आकाश में चकाचौंध पैदा करेंगे.

चंद्रग्रहण के दौरान क्या करें….

सोने, चांदी व तांबे के नाग का काले तांबे की प्लेट में रखकर दान करना शुभ माना जाता है और चंद्रग्रहण पर दान पुण्य करना चाहिए इसका अधिक लाभ मिलता है. ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद स्नान करना चाहिए. उसके बाद जिन चीजों को आप दान करना चाहते हो तो उन्हें स्पर्श कर रख दें और अगले दिन दान कर दें. स्नान के बाद यदि संभव हो तो पूजा-पाठ करना चाहिए.

चंद्रग्रहण के दौरान क्या न करें……

सूतक काल में पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए. ग्रहण के समय खाना खाने से भी बचना चाहिए. इस दौरान ग्रहण किया गया भोजन अशुद्ध हो जाता है. जिन चीजों को फेंका नहीं जा सकता उन खाने पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डाल दें. गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण काल घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ग्रहण के समय निकलने वाली नकारात्मक किरणें माता और शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं.जिस समय ग्रहण हो, उस समय सोना नहीं चाहिए. प्रेग्नेंट महिला, बीमार व्यक्ति और वृद्ध व्यक्ति आराम कर सकते हैं.

ग्रहण के दौरान अत्यधिक शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक श्रम से बचें. विशेषतः विद्यार्थियों और पेशेवरों को इस दौरान सहज रहने की सलाह दी जाती है. गृहिणियों को भी घरेलू कार्यों में परिश्रम से बचना चाहिए. ग्रहण के समय देवपूजा को भी निषिद्ध बताया गया है. इसी कारण अनेक मंदिरों के कपाट ग्रहण के समय बंद कर दिए जाते हैं. ऐसे में पूजा, उपासना या देव दर्शन करना वर्जित है.

ग्रहण के दौरान किसी नए व शुभ कार्य की शुरुआत करने से बचें. असफलता हाथ लग सकती है. प्रकृति इस समय अधिक संवेदनशील हो जाती है. ऐसे में पेड़ों, जलाशयों, वनों-बागों तथा पुराने निर्जन भवनों से दूर रहें. पत्तों- लताओं को नहीं तोड़ना चाहिए.धातु निर्मित सामानों से दूर रहेन की कोशिश करें. जैसे- लोहा, एल्युमीनियम तांबा चांदी एवं अन्य मेटलिक मटेरियल को न छुएं. कारण, ग्रहण के दौरान प्राकृतिक स्तर पर अनेक सूक्ष्म परिवर्तन होते हैं. इनके संपर्क से हानि होने की आशंका है.ग्रहण के दौरान दांतों की सफ़ाई, बालों में कंघी आदि नहीं करनी चाहिए.