‘मोदीकेयर’ प्लान से मिलेगा 5 लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस, जानिए क्या है स्कीम

खबरें अभी तक।  कल अपने भाषण में पीएम मोदी ने लाल किले से आधी जनसंख्या को स्वास्थ्य बीमा देने की योजना को लागू करने का ऐलान किया है। इस योजना पर प्रति वर्ष लगभग 11 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस खर्च का बोझ दोनों केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को वहन करना होगा।

Image result for 'मोदीकेयर' प्लान से मिलेगा 5 लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस, जानिए क्या है स्कीम

गौरतलब है कि केन्द्रीय बजट 2018 में वित्त मंत्री द्वारा ऐलान किए गए नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम’आयुष्मान भारत’, जिसे केन्द्र सरकार ‘मोदीकेयर’ की संज्ञा भी दे रही है, का लाभ 10 करोड़ परिवारों को मिलेगा। इस योजना का सीधा फायदा लगभग 40 से 50 करोड़ की आबादी को पहुंचेगा।

 

केन्द्र सरकार की योजना के मुताबिक लगभग 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाएगा और इसके लिए केन्द्र सरकार को प्रति वर्ष 1.72 डॉलर (11 हजार करोड़ रुपये) का बोझ सरकारी खजाने पर डालना पड़ेगा। नीति आयोग ने इस योजना पर कहा है कि केन्द्र सरकार के खाते से लगभग 5500-6000 करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च किए जाएंगे।

Image result for 'मोदीकेयर' प्लान से मिलेगा 5 लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस, जानिए क्या है स्कीम

केन्द्रीय बजट में सरकार ने इस स्कीम के लिए केन्द्र के खजाने से 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस रकम का प्रावधान वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान लोगों को स्वास्थ बीमा देने के लिए किया गया है। वहीं केन्द्र सरकार में सूत्रों का दावा है कि आगे चलकर इस योजना के लिए केन्द्र सरकार और बजट का प्रावधान करेगी।

Image result for 'मोदीकेयर' प्लान से मिलेगा 5 लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस, जानिए क्या है स्कीम

हालांकि देश में कई राज्य सरकारें किसी न किसी तरह के स्वास्थ्य बीमा का प्रावधान पहले से कर रही हैं। कुछ राज्यों का कहना है कि केन्द्र सरकार की योजना के चलते राज्य सरकार की योजनाएं प्रभावित होंगी।

नीति आयोग के मुताबिक इस योजना के लिए 60 फीसदी खर्च केन्द्र और बचा हुआ 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करेंगी। केन्द्र सरकार के अनुमान के मुताबिक देश में एक व्यक्ति को यह बीमा देने की लागत लगभग 1100 रुपये आएगी।

गौरतलब है कि अमेरिका के ओबामाकेयर की तर्ज पर इस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को मोदी सरकार का ओबामाकेयर या मोदीकेयर कहा जा रहा है। केन्द्र सरकार को 2019 में आम चुनावों का सामना करना है। लिहाजा विपक्ष दलील दे सकता है कि इस योजना के लोकलुभावन पक्षों में कुछ राजनीतिक लाभ मौजूद हैं। देश में राज्यों के स्तर पर ऐसी योजनाएं पहले से चल रही हैं।

अब लाल किले से घोषणा के बाद दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम को लागू किया जाएगा. इस स्कील को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार रोडमैप बना चुके हैं. वहीं वित्त वर्ष 2018 से फंड पहले से ही इस योजना के लिए दिया जा चुका है.

लिहाजा, अगले कुछ दिनों में केन्द्र सरकार इस योजना की बारीकियों के साथ-साथ इंश्योरेंस प्लान, शामिल कंपनियां, देशभर में हॉस्पिटल नेटवर्क और हेल्थो इंश्योरेंस की प्रीमियम राशि का  खुलासा करेगी.