हरियाणा सरकार के दावों पड़े खोखले

खबरें अभी तक। हरियाणा सरकार प्रदेश के इतिहास को संजोय रखने के लिए करोड़ो रुपये खर्च करने का दावा कर रही है और अपने शासनकाल में सरकार द्वारा शुरू करवाये गए कई प्रोजेक्ट के पूरा होने का बखान भी किया जा रहा है। लेकिन हकीकत में यह दावे खोखले नज़र आ रहे है।यमुनानगर का गाव टोपरा कलां जहाँ 50 करोड़ की लागत से बनने वाले अशोक स्तंब की घोषणा तो मुख्या मंत्री मनोहर लाल  के द्वारा कर दी गई लेकिन आज तक इस के लिए कोई भी पैसा न मिलने के कारण यह घोषणा भी कागज़ों तक सिमट कर रह गई। हालांकि अब तक इसमें जो भी थोड़ा बहुत काम हुआ है वह गांव की पंचायत अपने बलबूते पर करवा रही है।

यमुनानगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर गांव पिपरा कला अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए हैं । क्योंकि लगभग 2300 साल पहले अशोक सम्राट के शासनकाल में यहां एक स्तंभ बनाया गया था जोकि अशोक स्तंभ के नाम से मशहूर था। यह क्षेत्र व्यपार का केंद्र हुआ करता था और 24वीं शताब्दी में फिरोजशाह तुगलक इस स्तम्ब को यहां से उखाड़कर दिल्ली ले गया और उसने दिल्ली जाकर इसको फिरोजशाह कोटला मैदान में स्थापित कर दिया। सरकार और इलाका वासियों की मांग थी कि उसे फिर से गांव में दोबारा स्थापित किया जाए लेकिन यह तो मुमकिन नहीं हो सकता और अब उसी की तर्ज पर ऐसा ही एक दम टोपरा कलां में बनाने का प्रोजेक्ट है।

जिसके लिए हरियाणा सरकार ने 50 करोड रुपए की घोषणा की थी लेकिन आज तक इसके लिए एक भी पैसा नहीं दिया गया है जिससे यह ऐतिहासिक धरोहर को  संजोने की घोषणा कागजों में सिमट कर रह गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए पंचायत में  27 एकड़ जमीन भी सरकार को दे दी है।  लगभग 3 साल पहले 3 साल पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आए थे तब उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड रुपए की घोषणा की थी लेकिन  आज तक कोई भी आज तक कोई भी धनराशि नहीं दी गई है।

पंचायत का कहना है के जो थोड़ा बहुत काम हुआ है उसके लिए पंचायत ने पंचायती फंड से ही अठारह_ बीस लाख रुपए लगाए हैं। इलाका वासियों की मांग है के सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द से जल्द पैसा दे तान के जल्दी से कंप्लीट किया जा सके। इसके पूरा होने पर यह क्षेत्र एक पर्यटक स्थल के रूप में उभरेगा और इसके साथ साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

टोपरा कलां के सरपंच ने बातया कि पिपरा कला गांव में बनने वाले अशोक स्तंभ के लिए मुख्यमंत्री खट्टर ने 50 करोड रुपए की घोषणा की थी लेकिन अभी तक कोई भी पैसा उन्हें नहीं मिला है उन्होंने अंबाला सांसद रतनलाल कटारिया को भी यहां नीव पत्थर रखने के लिए बुलाया था और उन्होंने भी 50 करोड रुपए देने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक कोई भी पैसा उन्हें नहीं मिला है अब तक उन्होंने पंचायती फंड से 18 से 20 लाख  रुपए लगाकर इसका निर्माण शुरू करवाया है।

गाव निवासी विक्रम नेहरा ने बातया कि अशोक स्तंभ बनाने के लिए पंचायत ने सरकार को लगभग 27 एकड़ जमीन दी है और 50 करोड़ का एस्टीमेट इस प्रोजेक्ट के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस इतिहास ऐतिहासिक धरोहर बनने से उनके गांव का नाम भी वर्ल्ड के बोर्ड नक्शे में आ जाएगा और बाहर से सैलानी इसे देखने आएंगे इससे यहां के लोगों की आमदनी भी बढेगी।