सरकार की ओडीएफ स्कीम की उड़ी खिल्लियां, नहीं लगा खुले में शौच पर प्रतिबंध

खबरें अभी तक। महेन्द्रगढ़ जिले के नांगल चौधरी में सरकार की ओडीएफ स्कीम की उड़ रही है खिलया, लाखो रुपये खर्च कर के भी नहीं लग रहा खुले में शौच पर प्रतिबंध नगर पालिका प्रधान व जन प्रतिनिधियों की लापरवाही सरकार के 28 लाख खर्च फिर भी लोग कर रहे खुले में सोच।

अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकारी पैसे का दुरुपयोग नांगल चौधरी शहर में सोचालय के नाम पर 400 लोगो बनाया पात्र करीब 28 लाख रुपये बाटने के बाद भी हजारो लोग करते  है खुले में सोच सरकार की ओडीएफ केवल कागजो तक सिमित अधिकारी कर रहे सरकार को गुमराह जूठी मीटिंग कर हो रही खाना पूर्ति पार्षद ने कहा नो कॉमेंट तो अधिकारी ने 15 अगस्त तक का दिया है सरकार ने समय की ओ डी एफ मुक्त फिर भी नहीं हुआ ओर बड़ी बड़ी बेनर लगाकर ओडीएफ मुक्त का  प्रचार

क्षेत्र की रीढ़ कही जानी वाली कृष्णावती नदी बन रही मल का ढेर । नगर पालिका  चेयरमेन ने  कया  कहा आप खुद सुने है   सरकार द्वारा शहर को ओडीएफ बनाने के लिए लोगो को सोचालय बनाने हेतु प्रत्येक पात्र को 14 हजार की सहायता राशि प्रदान की जानी थी जिसमे 403 लोगो ने आवेदन किया था जिसे 7 , 7 हजार की दो क़िस्त बनाई गई 7 हजार पहली किस्त  7 हजार की दुसरी किस्त जारी कर दी  उस के बाद भी लोग खुले में सोच जा रहे है  लेकिन  अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज तक कई लोगो ने

क्या है नियम कानून : सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत दो किस्तो में 7, 7 हजार रुपए दिए जाते है जिसमे प्रधान सहित अधिकारियों के हस्ताक्षर होते और पात्र होते है उन्हें ही मिलते है पैसे । पहली किस्त में बनाना होता है मल के लिए गड्डा व सोचालय का फाउंडेशन उसके बाद अधिकारी व नगर पालिका पार्षद व प्रधान को देनी होती कार्य की फोटो सहित दस्तावेज उसके बाद होती है दूसरी क़िस्त जारी  कर दी लेकिन यहां के  की हो रही भयंकर हालात खराब समय रहते इस पर नही हुई कोई कार्यवाही तो क्षेत्र में फैल सकती महामारी।