प्राइवेट अस्पताल में इलाज के बाद युवक की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही के लगाए आरोप

खबरें अभी तक। डेराबस्सी के पास गांव हैबतपुर निवासी जसविंदर सिंह की ऑपरेशन के बाद मौत का मामला उस वक्त गरमा गया जब परिजनों ने जीरकपुर के प्राइवेट जेपी अस्पताल पर डॉक्टर की लापरवाही का आरोप लगाते  हुए कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही से जसविंदर सिंह की मौत हो गई है। जसविंदर के परिजनों ने बताया कि लगभग 7:00 बजे के करीब उसके पेट में दर्द उठा और वह उसको जेपी अस्पताल जीरकपुर ले आए काउंटर पर उन्होंने 6000 रूपए जमा कराये। जिसकी रसीदें उनके पास हैं और डॉक्टरों ने कहा कि हम इसका इलाज शुरू कर देते हैं। मगर कुछ समय बाद उससे कहा गया कि 70000 रूपये और जमा कराए जाएं हमें  इमरजेंसी इस का ऑपरेशन करना पड़ेगा। मगर ऑपरेशन होने के बाद जसविंदर सिंह जिसकी आयु लगभग 35 वर्ष के करीब थी और शादीशुदा था और उसकी एक 6 वर्ष की बेटी भी थी मौत हो जाने के बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा कर दिया और 12 घंटे बीत जाने के बाद भी उन्होंने डेड बॉडी लेने से इंकार कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए कि अस्पताल किसी तरह का कोई हंगामा ना हो वहां पुलिस तैनात कर दी है।

थाना प्रभारी जीरकपुर  पवन कुमार ने बताया कि हमें दरखास्त मिली थी कि डॉक्टर की लापरवाही से एक प्राइवेट अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मगर हमने परिजनों को कहा है कि पहले इस का पोस्टमार्टम कराया जाए। जिसकी गलती होगी उसके ऊपर बनती कार्रवाई की जाएगी। मगर परिवार वाले मानने को तैयार नहीं है।

उधर जेपी अस्पताल के डॉक्टर गुरतेज सिंह ने बताया कि हमारे पास जब मरीज आया था तो उसकी हालत पहले से ही बहुत ज्यादा खराब थी। मगर हमने ऑपरेशन करने के बाद वीडियोग्राफी में देखा जा सकता है कि पेशेंट मरीज बिल्कुल ठीक हो गया था। मगर ऑपरेशन के कुछ घंटे बीत जाने के बाद अचानक उसकी मौत हो गई है। डॉक्टर ने यह माना है कि इलाज के बाद मौत हुई है। ऑपरेशन कामयाब हो गया था तो उसकी मौत का क्या कारण रहा होगा इसका अंदाजा हम भी नहीं लगा सकते हैं। मगर मौत का कारण मरीज के अंदर इन्फेक्शन की वजह बताया जा रहा है। फिलहाल जसविंदर के परिजनों ने मृतक की डेड बॉडी लेने से इंकार कर दिया है।