धनाना गांव की दो बॉक्सर बेटियों ने हैट्रिक लगा रचा इतिहास

ख़बरें अभी तक। मिनी क्यूबा भिवानी के गांव धनाना की दो बॉक्सर बेटियों ने नया इतिहास रच कर एक बार फिर साबित किया है कि हमारी बेटियां बेटों से कम नहीं। साक्षी घणघस ने तीन बार विश्व युथ बॉक्सिंग व नीतू घणघस ने दो बार युथ विश्व बॉक्सिंग व एक बार युथ एशियन बॉक्सिंग में गोल्ड जीतकर ये हैट्रिक लगाई है और इतिहास रचा है। दोनों बेटियों का भिवानी पहुंचने पर भव्य स्वागात हुआ। वहीं कोच जगदीश ने सरकार से इन दोनों बेटियों के लिए नौकरी की मांग की।

जब भी बॉक्सिंग की बात आती है तो देश में हरियाणा व हरियाणा में मिनी क्यूबा भिवानी का सबसे पहले नाम आता है। इस नाम को भिवानी बॉक्सिंग क्लब में अभ्यारत गांव धनाना की दो बेटियों ने एक बार फिर रोशन किया है। इन दोनों बेटियों ने 21 से 31 अगस्त तक हंगरी में आयोजित युथ विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड जीता है। गांव धनाना की रहने वाली बेटी साक्षी घणघस व नीतू घणघस की इस उपलब्धि पर उनका भिवानी बॉक्सिंग क्लब में पहुंचे पर भव्य स्वागत किया गाय। अपनी लाडलियों की इस उपलब्धि पर परिजनों, कोच व साथी बॉक्सरों के साथ हर खेल प्रेमि गर्व महसूस कर रहा है।

विजेता बेटी साक्षी घणघस व नीतू घणघस ने बताया कि जब हंगरी में आयोजित युथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने पर राष्ट्रय गान बजा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होने अपनी जीत का श्रेष्य कोच जगदीश को दिया और कहा कि उनका प्रयास अक्तुबर में आयोजित युथ ओलंपिक में भाग लेकर गोल्ड जितना है। दोनों बेटियों ने अपना लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड लाकर देश का नाम रोशन करना है।

वहीं कोच जगदीश ने बताया कि ने बताया कि साक्षी ने युथ वल्र्ड चैंपियनशिप में तीन बार और नीतू ने दो बार युथ वल्र्ड तथा एक बार युथ एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर हैट्रीक लगाई है। उन्होने बताया कि दोनों बेटियों की अब अक्तूबर में होने वाले युथ ओलंपिक में भाग लेकर और 2020 व 24 में होने वाले ओलंपिक में गोल्ड लाने की है। साथ ही कोच जगदीश ने कहा कि दोनों बेटियों ने रेलवे विभाग ने नौकरी का ऑॅफर दिया है। ऐसे में हरियाणा सरकार भी इन बेटियों को नौकरी दे।

वहीं भिवानी बॉक्सिंग क्लब के अध्यक्ष कमल प्रधान ने कहा कि दोनों बेटियों की जीत पर पूरे देश को गर्व है। उन्होंने कहा कि ये जीत कोच जगदीश की विकट परिस्थियों में करवाई जाने वाली मेहनत की बदोलत है। नीतू घणघस व साक्षी घणघस नामक इन दोनों बेटियों ने स्तर पर तीन-तीन बार गोल्ड लाकर जता दिया है कि बेटियां बेटों से कम नहीं। इन बेटियों की लगातार जीत ने गांव की उन दूसरी बेटियों के लिए भी घर के दरवाजे खोले हैं जिनके मां-बाप अपनी बेटियों को ना केवल बेटों से कम मानते थे, बल्कि खेलने के लिए कहीं जाने नहीं देते थे।