डायबिटीज के मरीज़ खाने का रखे विशेष ध्यान, इन फलों का करें सेवन

ख़बरें अभी तक।आजकल की भाग दौड़ वाली जिंदगी में लोग अपने लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाते है जो कि बिमारियों को बुलावा देती है, एक शोध के अनुसार कुछ सालों में शुगर के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसका कारण किसी भी चीज से परहेज ना करना, कुछ भी खा पी लेने से डायबिटीज की संभावना ज्यादा बड़ जाती है. जो लोग डायबिटीज से ग्रस्त होते है उनमें इंसुलिन की मात्रा कम होती है. यदि आपको इसके लक्षण का पता हो तो आप शुरुआत में ही इसे पहचान सकते है और इसे रोकने के लिए घरेलू नुस्खे अपना सकते है. यह बीमारी इंसान के कमजोर मेटाबॉलिज्म के कारण होती है, जिसकी वजह से शरीर में सही मात्रा में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है

डायबिटीज होने के कारण….

जो लोग जंक फूड ज्यादा खाते है उनमे डायबिटीज होने की संभावना अधिक रहती है क्योंकि इसमें FAT के मात्रा अधिक पाई जाती है जिससे शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है और मोटापा बढ़ने लगता है. वहीं जरुरत से ज्यादा मोटापा होने से भी डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है. यदि घर में माता-पिता को डायबिटीज को तो बच्चों में भी ये रोग होने की संभावना अधिक रहती है. वहीं हर वक्त तनाव में रहना धूम्रपान करना भी शुगर का कारण बन सकता है. दवाइयों का अधिक सेवन करना बिना डॉक्टर के सलाह के दवाइयां लेना भी शुगर का कारण बन सकता है. ज्यादा चाय और कोल्ड ड्रिंग्स के सेवन से भी इसकी मात्रा अधिक रहती है.

डायबिटीज होने के लक्षण….

बार-बार पेशाब आना

मधुमेह होने पर बार-बार पेशाब आने लगता है। जब शरीर में ज्यादा मात्रा में शुगर इकट्ठा हो जाता है तो यह पेशाब के रास्ते से बाहर निकलता है, जिसके कारण मधुमेह रोगी को बार-बार पेशाब लगने की शिकायत शुरू हो जाती है।

अधिक भूख लगना

डायबिटीज के मरीज का वजन तो कम होता है लेकिन भूख में बढोतरी भी होती है। अन्य दिनों की अपेक्षा आदमी की भूख कई गुना बढ जाती है। बार-बार खाना खाने की इच्छा होती है

प्यास ज्यादा लगना

मधुमेह रोगी को बार-बार प्यास लगती है। चूंकि पेशाब के रास्ते से शरीर का पानी और शुगर बाहर निकल जाता है जिसके कारण हमेशा प्यास लगने जैसी स्थिति बनी रहती है। लोग अक्सर इस बात को हल्के में ले लेते हैं और समझ ही नहीं पाते कि उनकी बीमारी की शुरुआत अब हो चुकी है।

वजन में गिरावट आना

मधुमेह रोग की शुरूआत में ही अचानक वज़न तेजी से कम होने लगता है। सामान्य दिनों की अपेक्षा आदमी का वजन एकाएक कम होने लगता है।

चोट जल्दी ठीक ना होना

अगर आपके शरीर में चोट या कहीं घाव लग जाए और यह जल्दी ना भरे, चाहे कोई छोटी सी खरोंच क्यों ना हो, वह धीरे-धीरे बडे़ घाव में बदल जाएगी और उसमें संक्रमण के लक्षण साफ-साफ दिखाई देने लगेंगे।

स्किन इंफेक्शन होना

मधुमेह की शुरूआत में त्वचा संबंधी कई रोग होने शुरू हो जाते हैं। त्वचा के सामान्य संक्रमण बडे घाव बन जाते हैं।

आंखों की रोशनी कम होना

मधुमेह रोग की शुरूआत में आंखों पर काफी प्रभाव पडता है। डायबिटीज के मरीज में रोग की शुरूआत में ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखाई पडने लगता है। किसी भी वस्तु को देखने के लिए उसे आंखों पर ज़ोर डालना पड़ता है।

डायबिटीज के मरीजों को इन फलों का करना चाहिए सेवन….

डायबिटीज के मरीजों को अपने खान पान पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है. वहीं कुछ फल ऐसे हैं जिन्हें खाने से डायबिटीज के मरीजों को बेहद फायदा होता है.

सेब- सेब में भारी मात्रा में सॉल्युबल फाइबर होता है. ये डायबिटीज के मरीजों में होने वाले इंफेक्शन को जल्दी ठीक करने में मदद करता है. इसके अलावा सेब में पेक्टिन ( एक तरह का कार्बोहाइड्रेट ) भी मौजूद होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखता है. साथ ही सेब में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर में कोलेस्ट्रोल को कम करते हैं.

नाशपाती- नाशपाती में कैल्शियम, आइरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, फोलेट, बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन, कोलिन और रेटिनॉल सहित सभी जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं. इसका Glycemic Index भी काफी कम होता है.

चेरी- चेरी में ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को नॉर्मल कर ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखते हैं. चेरी के छिलके में मौजूद लाल रंग दिल के लिए फायदेमंद होता है.

अनार- डायबिटीज के मरीजों में दिल की बीमारी होने की संभावना बहुत अधिक होती है. अनार में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. ये शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं. साथ ही अनार शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम कर के डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद पहुंचाता है.

अमरूद- अमरूद में फाइबर होने के कारण यह डायबिटीज में होने वाली कब्ज की बीमारी को दूर करता है. साथ ही यह डायबिटीज टाइप-2 के खतरे को कम करता है. अमरूद में मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने का काम करता है. इतना ही नहीं, अमरूद में विटामिन -ए और विटामिन-सी भरपूर मात्रा में होता है.

पपीता- पपीते में भारी मात्रा में विटामिन और जरूरी न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों को बहुत फायदा पहुंचाते हैं. इसके अलावा पपीते में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भी शामिल होते हैं. पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं. दिल और नर्वस सिस्टम को सुरक्षित रखते हैं.

जामुन- डायबिटीज में जामुन खाना बहुत लाभकारी होता है. जामुन में 82 फीसदी पानी होता है और 14.5 फीसदी कार्बोहाइड्रेट. जामुन में हाइपोग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं. ये ब्लड और यूरिन में शुगर के स्तर को कम करने में मददगार साबित होते हैं. जामुन के साथ-साथ इसकी गुठली भी डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होती है