शिक्षा विभाग के निदेशक को भेजा गुमनाम पत्र, छात्राओं को बुरी नजर से देखने का लगाया आरोप

खबरें अभी तक। गोहाना क्षेत्र के एक गांव के ग्रामीण ने शिक्षा विभाग के निदेशक को गुमनाम पत्र भेज कर गांव के ही सरकारी स्कूल के एक शिक्षक पर छात्राओं को बुरी नजर से देखने का आरोप लगाया है। मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस मामले में अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं।

3 मई, 2018 को एक पत्र शिक्षा विभाग पंचकूला के निदेशक को भेजा गया था। पत्र में शिकायतकर्ता ने नाम की जगह अभिभावक लिखा। पत्र में लिखा गया कि मेरी बेटी कुछ दिन से स्कूल जाने में आना-कानी कर रही है। बेटी से पूछा गया तो बताया गया कि एक नया शिक्षक गलत नजरों से घूरता है और गलत हरकतें करता है। निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा ने पत्र पर संज्ञान लिया और 24 जुलाई, 2018 को सोनीपत जिले के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने अपने स्तर पर जांच की। महिला शिक्षिकाओं से भी जांच करवाई गई। जांच में पता चला कि जिस शिक्षक का नाम लिखा गया है वह विद्यालय में केवल छात्राओं की ही कक्षा को ही पढ़ता है। विद्यालय में केवल ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा में छात्राएं हैं, लेकिन जिस शिक्षक पर आरोप लगाया गया वह छठवीं से दसवीं कक्षा तक ही पढ़ता है। इन कक्षाओं में छात्राएं हैं नहीं। स्कूल के प्राचार्य का कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं। जांच हो चुकी है, जिसमें कुछ नहीं मिला।

गुमनाम चिट्ठियों का भूत गोहाना के स्कूलों को सता रहा है। गुमनाम चिठ्‌ठी का ये तीसरा मामला है। इससे पहले भी ओम पब्लिक स्कूल और दूसरा मामला इसी रोड़ पर स्थित खंदराई के सरकारी स्कूल में सामने आया। बहुत जांच के बाद भी आज तक इन गुमनाम चिठ्ठियों को भेजना वाले से लेकर आरोपित स्कूल स्टाफ पर आरोप तय नहीं किए गए । अगर गुमनाम चिट्ठियों की संवेदनशीलता की बात करें तो साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहे बाबा राम रहीम को भी कई साल बाद जांच के बाद सजा मिल पाई थी और बड़ी मश्क्कत के बाद सीबीआई गुमनाम चिठ्‌ठी भेजने वाली साध्वी को ट्रेस कर पाई थी। अब देखना ये होगा की एक के बाद एक गुमनाम चिठ्‌ठी स्कूल में पनप रही किए व्यवस्था की ओर इशारा कर रही है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को इन हालातों में कैसे सार्थक किया जाएगा।