ख़बरें अभी तक। विकास कार्यों की बदहाल व्यवस्था उन्नाव जनपद में पात्र व्यक्तियों को आवास नहीं कीचड़ भरे पानी में घुसकर चलना बना मजबूरी, अनदेखी का शिकार ग्रामवासी कहां जाए किसको सुनाए अपनी व्यथा सालों से कच्चे मकानों में रहने को है मजबूर। जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सभी पात्रों को आवास देने के लिए प्रयत्नशील है। लेकिन उनके अधिकारी और कर्मचारी सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में पतीला लगाते नगर आ रहे है।
उन्नाव जनपद की विकासखंड औरास के ग्राम पंचायत शाहपुर तोन्दा में 20 साल से आवास के लिए तरस रहे हैं लोग। सेक्रेटरी वह प्रधान के द्वारा प्रत्येक वर्ष जांच कराकर आवास देने का आश्वासन दिया जाता है परंतु किसी भी वर्ष आवास नहीं मिलता है लगातार उपेक्षित होती जनता ने अब तो आवास की आशा लगाना ही छोड़ दिया है। भाजपा सरकार आयी तो लोगों में आशा जगी कि प्रधानमंत्री जी ने सभी पात्र जनता को आवास देने की घोषणा की है लेकिन ग्राम पंचायत शाहपुर तोन्दा में जनता को प्रधानमंत्री आवास भी ना नसीब हुआ। लोगों की कच्चे व गिरे हुए आवास में रहना मजबूरी बन गई है।
यहां की जनता ने बताया की अब तो कोई आस ही नहीं है ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने अपने चहेतों को पूर्व में इन्दिरा आवास और वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास दे दिए हैं। लगातार 3 बार से प्रधान चुने जाने के बाद भी ग्राम पंचायत में विकास लगभग शून्य प्रतीत होता है। विकास कार्यों की तरफ अगर रुख करें तो बारिश में लोगों का पैदल चलना दुश्वार है। ग्राम पंचायत में इतना कीचड़ और जलभराव है कि लोगों का अपने घर से कदम रखना भी मुनासिब नहीं है.
ग्राम पंचायत में एक ऐसी भी बसती है जो दो तरह से बरसात के पानी से घिरी है, बारिश से ग्राम में कई मकानो पानी टपक रहा है, ग्रामीण पन्नी के सहारे अपने मकान को गिरने से बचाने की मसक्कत कर रहे हैं। कुछ मकान तो गिर गए हैं, कुछ ग्रामीण तो बॉस के ऊपर छप्प और तिरपाल के रख कर रह रहे है। लेकिन फिर भी विकासखंड औरास के अधिकारियों की आंखें बंद है जबकि केंद्र और प्रदेश सरकार प्रत्येक पात्र व्यक्ति को आवास और शौचालय देने के लिए प्रयत्नशील है।