JNU के छात्रसंघ चुनाव में लाल लहर की बादशाहत कायम, चारों पदों पर लेफ्ट गठबंधन ने ABVP को किया चित

खबरें अभी तक। देश के प्रतिष्ठित जेएनयू के छात्रसंघ चुनाव में लाल लहर की बादशाहत कायम है। चारों पदों पर लेफ्ट गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज करते हुए ABVP को करारी शिकस्त दी है। फाइनल आंकड़ों के मुताबिक लेफ्ट यूनिटी के प्रत्याशी एन साईं बालाजी ने एबीवीपी के प्रत्याशी ललित पांडेय को 2 हजार 1 सौ इक्यावन वोटों के अंतर से हरा कर अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया है। प्रेसीडेंट पद के लिए हुई टक्कर में लेफ्ट यूनिटी के विजयी प्रत्याशी एन साईं बालाजी को 2,151 तो वहीं एबवीपी के प्रत्याशी ललित पांडेय को 972 वोट मिले। चुनाव नतीजों के बाद लेफ्ट यूनिटी में जश्न का माहौल है।

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चुनाव नतीजों के मुताबिक वाइस प्रेसीडेंट पद पर भी लेफ्ट यूनिटी की उम्मीदवार सारिका ने एबीवीपी की गीताश्री को 1 हजार 5 सौ उन्यासी वोटों के अंतर से हरा कर जीत हासिल की। सारिका को 2,592 वोटों के मुकाबले गीताश्री को महज 1,013 वोट ही मिले।

जनरल सेक्रेटरी पद के लिए हुए मुकाबले में लेफ्ट यूनिटी के उम्मीदवार एजाज ने 2,426 वोट पाकर एबीवीपी के गणेश को 1,193 वोटों से पराजित किया। गणेश को 1,235 वोट मिले। इसके साथ ही ज्वॉइंट सेक्रेटरी पद के लिए लेफ्ट यूनिटी के ए जयदीप ने वेंकट दूबे को 757 वोटों से हराकर एबीवीपी का सूपड़ा साफ कर दिया। जयदीप को 2047 तो वहीं वेंकट को 1,290 वोट मिले।

जीत के बाद उपाध्यक्ष बनने जा रहीं लेफ्ट यूनिटी की सारिका ने खुशी जताते हुए कहा कि ये जीत जेएनयू के लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत है। उन्होंने कहा, “हमने एबीपीवी को मिले वोटों से ज़्यादा के अंतर से जीत दर्ज की है। उनको करारा तमाचा मिला है। ये सीट कट, रिजर्वेशन को बचाने की लड़ाई है। ये लोकतंत्र को खत्म करने वालो पर लोकतंत्र को बचाने वालों की जीत है।”

जेएनयू में अपनी हार पर एबीवीपी के उम्मीदवार ललित पांडेय ने कहा, “मैं इसे हार नहीं मानता हूं। ABVP अकेले सबसे बड़े संगठन के रूप में स्थापित है। लेफ्ट गिरोह बनाकर लड़ा। हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। पिछली बार लेफ्ट के 3 संगठन साथ थे, इस बार हमारे डर से 4 संगठन को साथ आना पड़ा। यही हमारी जीत है।”

दूसरी ओर अपनी जीत पर JNU छात्रसंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा कि ये जीत संघर्ष करने वालों की जीत है। उन्होंने कहा, ” सीट कट, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, लिंचिंग और जुमला के खिलाफ मैनडेट है। ABVP का वोट लगातार घटा है। काउंसलर में हारे हैं। हार में जीत बता सकते हैं। उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।”