फिर हो सकती है हरियाणा रोडवेज की हड़ताल, रोडवेज यूनियन ने तारीखों का किया ऐलान

ख़बरें अभी तक। सरकार की वादाखिलाफी, तानाशाही, हठधर्मिता, एस्मा, दमनकारी नीतियों व 700 बसें निजी कम्पनियों से किलोमीटर स्कीम पर हायर करने के विरोध में रोड़वेज की तालकमेटी एक ‌मंच पर आ गई है। तालमेल कमेटी की संयुक्त बैठक आज ‌छोटुराम धर्मशाला रोहतक में हुई। बैठक में सात युनियनो के राज्य प्रधान व महासचिवों ने हिस्सा लिया, जिसमें हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स संयुक्त कर्मचारी संघ से दलबीर किरमारा व जगदीश लाठर, आॅल हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन की तरफ से बलवान सिंह दोदवा व रमेश सैणी, हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन (ईन्टक) से अनुप सहरावत व विजय अहलावत, रोड़वेज कर्मचारी यूनियन (महासंघ) से विरेन्द्र धनखड़ व पहल‌ सिंह तंवर, हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ से इन्द्र सिंह बधाना व सरबत पुनिया व मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन से ‌‌जयभगवान कादियान व अनील कुमार आदि नेता शामिल थे। बैठक में सरकार की दमनकारी नीतियों, एस्मा व निजीकरण करने के फैंसले की कड़ी भर्त्सना की गई तथा 700 बसों को‌ किलोमीटर स्किम पर आने से रोकने के लिए एक मंच पर आकर आर-पार का आन्दोलन करने का संकल्प लिया।

दोदवा ने बताया कि सरकार अपने बड़े ट्रांसपोर्टर निजी चहेतों को सिधे तौर पर लाभ पहुंचाने के लिए जनहित से जुड़े हुए परिवहन विभाग ‌को बर्बाद करने पर तुली हुई है। रोड़वेज को निजी हाथों में सौंपने से प्रदेश के लाखों पढ़े-लिखे नवयुवक स्थाई रोजगार पाने से वंचित हो जाएंगे तथा बेरोजगारी को और बढ़ावा मिलेगा क्योंकि एक सरकारी बस के पीछे 7 कर्मचारियों को रोजगार मिलता। आज आबादी के हिसाब से प्रदेश‌ में 15 हजार नई बसों की जरूरत है, अगर ‌प्रदेश में 15 हजार सरकारी बसें आती हैं तो एक लाख युवाओं को स्थाई रोजगार मिलेगा तथा जनता को एक बेहतर सुविधा भी मिलेगी। इसलिए रोड़वेज कर्मचारी निजीकरण का विरोध ‌कर रहे हैं। इसलिए जनता से भी अपील है कि सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करते हुए रोड़वेज कर्मचारियों ‌का साथ दें ताकि हमारे बच्चों को स्थाई रोजगार मिल सके।

उन्होंने बताया कि रोड़वेज कर्मचारी सरकार की गलत नीतियों ‌का विरोध करते हुए 5 सितम्बर को शांतिपूर्वक तरीके से प्रर्दशन करते हुए हड़ताल पर थे लेकिन सरकार ने बातचीत से समाधान करने की बजाय ‌एस्मा कानून के तहत दमनकारी नितियां अपनाते हुए बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करवाकर निलम्बन व झुठे मुकदमे दर्ज करवा दिये। जिसके कारण कर्मचारियों में भारी आक्रोश पैदा हो गया है तथा सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ तालमेल कमेटी एक मंच पर आ गई है। तालमेल कमेटी ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने समय रहते वार्ता करके कर्मचारियों के खिलाफ की गई उत्पीड़न की सभी ‌कार्यवाही वापिस लेते हुए ‌किलोमीटर स्किम को रद्द नहीं किया तो 6 अक्टूबर को परिवहन मंत्री के कैम्प कार्यालय मतलौडा(पानीपत) में काले झंडों के साथ प्रर्दशन करते हुए घेराव किया जायेगा, जिसमें रोड़वेज के हजारों कर्मचारी हिस्सा लेंगे।

अगर सरकार फिर भी नही जागी‌‌ तो 16 व 17 अक्टूबर को पुरे प्रदेश में रोड़वेज का पुर्ण रुप से चक्का जाम किया जायेगा। तालमेल कमेटी ने चेतावनी दी है कि सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए जिस दिन भी किलोमीटर स्किम पर बस लाने का प्रयास किया तो उसी दिन रोड़वेज का पुर्ण रुप से चक्का जाम होगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों की होगी।