बीजेपी नेता के बेटे की चाकू मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलीस

खबरें अभी तक। बिहार में हर रोज हो रही घटनाओं से यह तो पता चलता ही है कि बिहार में गुनहगारों के मन में कानून के प्रति कोई डर भय नहीं है. अपराधियों को कानून एक खिलवाड़ लगता है. आय दिन हो रही घटनाओं के डर से आम जन को घर से बाहर निकलने में भी डर लग रहा है. ऐसे में बिहार सरकार पर सवाल तो उठ ही रहें हैं लेकिन लोगों को ये जवाब भी चाहिए की आखिर चोरों लुटेरों के मन में सरकार और कानून के प्रति कोई डर भय क्यों नहीं है ? क्या सरकार स्वयं भी अपराधियों के साथ मिली हुई है ?

आपको बता दें कि बिहार के उप- मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 24 सितंबर को पितृपक्ष मेले का उद्घाटन करते हुए अपराधियों से आग्रह किया था कि वह 15 दिनों के इस मेले के दौरान किसी तरह की अपराधिक घटना को अंजाम ना दें. लेकिन अपराधियों ने मोदी की इस अपील को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया. इस मेले के आखिरी दिन यानी 8 अक्टूबर को अपराधियों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया और छपरा में बीजेपी नेता गंगोत्री प्रसाद के बेटे पीयूष आनंद की हत्या कर दी.

जी हां जहां एक ओर उप मुख्यमंत्री अपराधियों के सामने ये अपिल करते हुए नजर आए कि वह 15 दिनों तक किसी भी अपराध को अंजाम न दें तो वहीं इस पूरी बात से अपराधियों के हौंसले और भी ज्यादा बुलंद हो गए और उन्होनें बीजेपी नेता गंगोत्री प्रसाद के बेटे पीयूष आनंद की हत्या कर दी. इस पूरे मामले से यह तो साफ होता है कि बिहार सरकार ने अपरधियों के सामने घुटने टेक दिये हैं बस अब बिहार सरकार अपराधियों से अपिल ही कर सकती है।

बताया जा रहा है कि पीयूष आनंद सदर अस्पताल में दवा वितरण केंद्र पर कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात थे. सोमवार रात वो मोटरसाइकिल से गड़खा थाना क्षेत्र के अलोनी गांव जा रहे थे तभी कुछ अपराधियों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया. अपराधियों को अपना पीछा करते देख पीयूष ने अपनी बाइक की रफ्तार बढ़ाई और भागने लगे लेकिन कुछ ही दूरी पर जाकर अपराधियों ने उन्हें पकड़ लिया और चाकुओं से गोदकर उनकी हत्या कर दी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पीयूष आनंद की मौके पर ही मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि पीयूष आनंद खुद पूर्व में बजरंग दल का सक्रिय सदस्य रहा है और वर्तमान में भाजपा के व्यवसायिक प्रकोष्ठ से जुड़ा हुआ था. हत्या की जानकारी मिलने के बाद गड़खा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. पुलिस ने फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए कोशिश कर रही है.

छपरा में हुई इस हत्या को लेकर आम लोगों ने मंगलवार को शांतिपूर्ण तरीके से छपरा बंद का आह्वान किया है. गौरतलब है, 2 हफ्ते पहले मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की अपराधियों ने गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी. जिसके बाद राज्य के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने गया में अपराधियों से हाथ जोड़कर अपील की थी कि पितृपक्ष में कम से कम ये काम न करें.