बहादुरगढ़ डिपो की सभी बसें रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल में शामिल

खबरें अभी तक। प्राइवेट बसों को रोडवेज में शामिल करने के विरोध में हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने चक्का जाम कर रखा है। देश की राजधानी दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में कर्मचारियों की हड़ताल का पूरा असर देखने को मिला। बहादुरगढ़ में सभी यूनियन ने एक साथ मिलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले बैठी हैं। कर्मचारियों ने एक भी बस बस स्टैंड से बाहर नहीं निकाली और बस स्टैंड के गेट के सामने धरना भी दिया। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिसके कारण बहादुरगढ़ से राजधानी दिल्ली, गुड़गांव, रोहतक और झज्जर जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

दरअसल सरकार करीब 700 प्राइवेट बसों को रोडवेज में शामिल करना चाहती है। जिसका विरोध कर्मचारी पिछले लंबे समय से कर रहे हैं। सरकार से बातचीत के लिए एक तालमेल कमेटी का भी गठन किया गया था लेकिन सरकार प्राइवेट बसों को रोडवेज में शामिल करने की अपनी बात पर अड़ी हुई है। वहीं कर्मचारी नहीं चाहते कि प्राइवेट बसें हरियाणा रोडवेज में शामिल हो। जिसके चलते सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के साथ साथ हैं सभी रोडवेज यूनियन एक साथ मिलकर चक्का जाम कर रही हैं। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि प्राइवेट बसों को रोडवेज में शामिल करने से लोगों को भी परेशानी होगी और सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं को भी इससे वंचित रहना पड़ेगा।

कर्मचारियों ने रोडवेज में ड्राइवर और कंडक्टर ओं की पक्की भर्ती करने और ठेका प्रथा बंद करने की भी मांग की है। इसके साथ ही हड़ताल में शामिल फरीदाबाद रोहतक और करनाल के कर्मचारियों की गिरफ्तारी का भी विरोध किया है। हम आपको बता दें कि बहादुरगढ़ बस स्टैंड में 62 बसे हैं। जिनमें से एक भी बस बाहर नहीं निकाली गई। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट और करीब 400 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी बस स्टैंड पर लगाई गई है।

बस स्टैंड पर धारा 144 भी लगाई गई है। इसके बावजूद कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं और अपनी मांगों को लेकर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। हड़ताल के कारण लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्राइवेट बसों में भारी भीड़ होने के कारण लोग बसों की छत पर बैठकर सफर करने को भी मजबूर हैं।