सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण करने के दावों की प्रशासन खुद उड़ा रहा है धज्जियां

खबरें अभी तक। एक तरफ जहां शासन प्रशासन द्वारा प्रदूषण नियंत्रण रखने के लिए अपने खेतों में पराली जलाने पर कृषकों के ऊपर जुर्माना किया जा रहा है तो वहीं यूपी के शाहजहांपुर में नगर पालिका द्वारा दूषित कचरा जला कर उससे प्रदूषण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कचरे से निकलने वाला धुंए लोगों के फेफड़ों में सामाने लगता है। जिससे लोग बीमार भी पड़ रहे है।

दरअसल तिलहर नगर पालिका परिषद द्वारा हजारों घरों और नगर का कचरा नगर पालिका प्रशासन द्वारा कभी यहां कभी वहां डाल कर उसको खपाने का प्रयास किया जाता है। जिस जगह कचरा डाला जाता है वहां के स्थानीय लोग इसका विरोध करने लगते हैं जो कि स्वाभाविक भी है क्योंकि कोई भी अपने आसपास कचरा बर्दाश्त नहीं कर सकता। कचरा खपाने के लिए नगर में डंपिंग हाउस की व्यवस्था ना होने के चलते अब इसको ठिकाने लगाने का एक खतरनाक अभियान शुरू होता दिखाई दे रहा है जिसके चलते नगर पालिका कर्मचारी कचरे के ढेर को एक जगह इकट्ठा करने के बाद उसमें माचिस की तीली लगा देते हैं परिणाम स्वरूप कुछ ही देर में दूषित कचरा धू-धू कर जलने लगता है और इससे निकला धुआं लोगों के फेफड़ों में सामाने लगता है। इस तरह के जलते हुए कचरे के ढेर आपको नगर के मुख्य मार्गो,सरकारी अस्पताल,काशीराम कॉलोनी,स्कूलो के आस-पास भी दिखाई दे जाएंगे।