ख़बरें अभी तक। हाल ही में चीन ने दुनिया के सबसे लंबे समुद्री पुल का उद्घाटन किया था, और अब चीन दक्षिणी ध्रुव में अपना पहला स्थायी हवाई अड्डा बनाने जा रहा हैं। इससे हवाई सुरक्षा प्रणाली में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के क्लब में भी चीन शामिल हो जाएगा। जिनके अंटार्कटिक में पहले से ही एयरपोर्ट हैं। बताया जा रहा हैं कि अंटार्कटिक पर चीन का 35वां अभियान दल रवाना हो गया हैंयह हवाई अड्डा चीन निर्मित झोंगशान स्टेशन से 28 किलोमीटर दूर बनाए जाने की संभावना हैं। इस एयरपोर्ट पर मध्यम और बड़े विमान उड़ान भरने और उतरने में सक्षम होंगे। इससे परिवहन समय के साथ क्षमता में बढ़ोतरी होगी। लेकिन विशेषज्ञों का कहना हैं, कि अंटार्कटिक में एयरपोर्ट बनाना आसान नहीं है, क्योंकि वहां की 99.5 फीसद जमीन बर्फ से ढकी हैं। बता दें कि अपने 25वें अभियान के तहत चीन वर्ष 2009 में अंटार्कटिक पर चार किलोमीटर लंबी और 50 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी बना चुका है।