स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते खुल रहें है फर्जी क्लीनिक

खबरें अभी तक। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और मिलीभगत से हजारों की संख्या में फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है. जो आम गरीब जनमानस की जिंदगी के लिये जहर बने हुए हैं। ये अवैध चिकित्सा और ऑपरेशन ही नहीं करते बल्कि सरकार और न्यायालयों के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए धड़ल्ले से भ्रूण हत्याएं भी करते हैं. ताज़ा मामला यूपी के गोण्डा जनपद से सामने आया आया है जहां मुख्यालय से मात्र कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित खोरहंसा बाजार है.

यहां संगीता तिवारी नाम की महिला “महिला हेल्थ केयर” के नाम से एक फर्जी क्लीनिक चला रही है और अपने नाम के आगे बकायदा डॉक्टर भी लिख रखी है जबकि इसके पास चिकित्सा सम्बन्धी कोई प्रमाण पत्र तक नहीं है. ये फ़र्ज़ी महिला डॉक्टर तीन माह के भ्रूण की हत्या करने के लिये मरीज को लाने की बात भी कह रही है और इसके लिये ये पांच हजार रुपयों की मांग भी कर रही है. और जब हमारी टीम ने इसका भंडाफोड़ किया तो ये महिला भागने का प्रयास करने लगी.

वहीं सीएमओ डॉ संतोष श्रीवास्तव ने यह कहकर ईमानदार बनने का प्रयास किया कि आप द्वारा यह प्रकरण संज्ञान में लाया गया है जिस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल स्वास्थ्य तंत्र और जनपद भर में फैले झोलाछाप डॉक्टरों व नर्सिंग होमों की जाल के लिये स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार व घोटालेबाजी और घूसखोरी काफी हद तक जिम्मेदार है।