19 नवंबर को प्रधानमंत्री आएंगें गुरुग्राम, कई सौगातों के साथ केएमपी और दुधौला यूनिवर्सिटी के बारे में जानिए..

खबरें अभी तक। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर को हरियाणा के गुरूग्राम जिला के गांव सुल्तानपुर में कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे का उदघाटन करेगें। इस कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे की परियोजना के निर्माण पर लगभग 6400 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है तथा 2988 करोड़ रुपये की राशि से 3846 एकड़ भूमि का अधिग्रहण हुआ है।
इस बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस परियोजना के तहत पहले कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे का निर्माण 4 लेन का करवाया जाना था,परन्तु यह एक्सप्रेस-वे अधूरा रहा। सरकार ने इस एक्सप्रैस-वे के महत्व को देखते हुए ना केवल इस पर निर्माण पुन: शुरू करवाया बल्कि इसे 6 लेन का बनवाया।
उन्होंने बताया कि कुंडली से मानेसर तक का यह हिस्सा 83.320 किलोमीटर लंबा है । इस हिस्से पर 4 आरओबी, 14 छोटे-बड़े ब्रिज मिलाकर, 56 एग्रीकल्चरल व्हीक्यूलर अंडरपास व अन्य अंडरपास, 7 इंटरसैक्शन तथा 7 टोल प्लाजा बनाए गए हैं। इस हिस्से पर मीडियन की चैड़ाई 8 मीटर रखी गई है। पहले यात्रियों के लिए खोले जा चुके मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे की लंबाई लगभग 52.330 किलोमीटर है जिस पर 32 एग्रीकल्चरल व्हीक्यूलर अंडरपास व अन्य अंडरपास, 3 इंटरसैक्शन तथा 4 टोल प्लाजा बनाए गए है।
मानेसर से पलवल तक के इस हिस्से पर 15 जुलाई 2018 से टोल क्लेक्शन का काम शुरू किया जा चुका है। इस एक्सप्रैस-वे को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि लाइट व्हीकल 120 किलोमीटर प्रति घंटा तथा हैवी व्हीकल 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से चल सकते हैं।   इस एक्सप्रैस-वे निर्माण के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि उत्तरी हरियाणा को दक्षिणी जिलों से जोडकऱ उन्हें हाई स्पीड क्नेक्टिविटी देने के उद्देश्य से इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है। इस एक्सप्रैस-वे के शुरू होने से औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ साथ उन्हें प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों के जिलों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। बेहतर कनेक्टिविटी मिलने के साथ साथ दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों में प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट आएगी।
इस एक्सप्रेस-वे के आस-पास हरियाली का भी विशेष तौर पर ध्यान रखा गया है और मीडियन पर छोटे वृक्ष लगाए जाएंगे। इसके अलावा, अर्जुन, नीम तथा शीशम के पेड़ भी आस-पास लगाए जा रहे हैं। आम लोगों की सुविधा के लिए 4 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है जहां लोगों को सडक़ के किनारे सुविधाएं दी गई है। इसके अलावा, जल संरक्षण के लिए मीडियन में लगाए गए पौधों को पानी देने के लिए टपका सिंचाई प्रणाली की व्यवस्था की गई है। एक्सप्रैस-वे के सौंदर्यकरण का विशेष तौर पर ध्यान रखते हुए विभिन्न स्थानों पर आकर्षक फव्वारों के अलावा सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्मारक प्रदर्शित किए गए है।
डिवाईडर पर विभिन्न रंगों के बोगन वेलिया के पौधे लगाए जाएंगे जिन्हें कर्नाटक से विशेष रूप से मंगवाया गया है। यही नहीं, सांस्कृतिक कार्य विभाग के कला अधिकारी हृदय कौषल के मार्ग दर्शन में तैयार की जा रही पत्थर की 21 मूर्तियां भी एक्सपै्रस-वे पर विभिन्न स्थानों पर लगाई जाएगी। इन मूर्तियों में हरियाणा की कला एवं संस्कृति, योग तथा गीता को दर्शाया गया है।
इसके साथ ही वहां से गुजरने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए प्रत्येक 20 किलोमीटर की दूरी पर एक एम्बुलेंस, एक क्रेन तथा एक पुलिस पैट्रोलिंग वाहन की व्यवस्था हैल्पलाइन नंबर के साथ की गई है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने पर तुरंत सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। रात को लाइट की समुचित व्यवस्था, लूप एंड रैंप पर सोलर स्टैंड की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि केएमपी एक्सप्रैस-वे चार नेशनल हाईवे को आपस में जोड़ता है जिससे भविश्य में औद्योगिक, वाणिज्यिक तथा अन्य आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस एक्सप्रेस वे को दिल्ली के आउटर रिंग रोग के रूप में देखा जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर को पलवल जिला के गांव दुधौला में बनने वाली श्री विश्वकर्मा कौशल युनिवर्सिटी की आधारशिला भी गुरूग्राम जिला के गांव सुल्तानपुर से रखेंगे। इस शिलान्यास कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पलवल जिला के गांव दुधौला में युनिवर्सिटी स्थल पर दिखाया जाएगा। इस यूनिवर्सिटी की पूरी परियोजना पर लगभग 1000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।

श्रमेव जयते की अवधारणा पर आधारित इस कौशल विश्वविद्यालय का नाम पहले हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय रखा गया था जिसे बदलकर अब श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू के अनुसार यह विश्वविद्यालय युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करेगा जो गरीबी उन्मूलन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि गांव दुधौला में यह कैंपस 82.7 एकड़ भूमि में विकसित किया जाएगा।
इस विश्वविद्यालय की कैंपस बिल्डिंग के निर्माण के लिए इस वर्ष 389.24 करोड़ रुपये के टैंडर भी किए जा चुके है। इस विश्वविद्यालय का निर्माण तीन चरणों मे करवाया जाएगा। पहला चरण वर्ष-2020 तक पूरा किए जाने की योजना है।
नेहरू के अनुसार यहां 1000 युवाओं को जीएसटी का प्रशिक्षण देने की भी योजना है। अब तक विश्वविद्यालय में 139 युवाओं को पॉयलेट प्रौजेक्ट के तहत हिसार, गुरूग्राम, रोहतक , करनाल तथा सिरसा में टैऊनिंग दी जा चुकी है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय द्वारा 68 छात्रों को उद्यमिता की ट्रैनिंग दी गई है जबकि 30 छात्रों को जर्मन भाषा की टैऊनिंग दी गई है। विश्वविद्यालय द्वारा 21 उद्योगों के साथ विभिन्न कोर्सिंज के प्रशिक्षण के लिए एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
गुरूग्राम जिला में युवाओं को साइबर सिक्योरिटी के साथ नेटवर्क सिक्योरिटी तथा एप्लीकेशन सिक्योरिटी की ट्रैनिंग दी गई है। समय की मांग के अनुरूप कम्युनिकेशन एंड लाइफ स्किल में वर्ष-2018 में अब तक गुरूग्राम, फरीदाबाद, धारूहेड़ा, बल्लभगढ़ व पलवल जिलों के 1072 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। सक्षम सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के तहत अब तक 32 युवाओं को कम्युनिकेशन स्किल एंड पर्सनेल्टी डैव्लपमेंट में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को 10 हजार रुपये तक का स्टाइफंड भी दिया जा रहा है।
इस विश्वविद्यालय के प्रस्तावित परिसर में एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के अलावा, ऑडिटोरियम एंड कन्वेंशन सैंटर, कैफेटेरिया, सैंटर्स ऑफ एक्सीलेंस, टीचिंग एंड नॉन टीचिंग रैजिडेंशियल एरिया, लडक़ों व लड़कियों के अलग-2 हॉस्टल, शॉपिंग सैंटर, हैल्थ सैंटर, कम्युनिटी सैंटर, स्टेडियम, जिमनेजियम, स्वीमिंग पूल, स्पोट्र्स एंड रीक्रिएशनल फैसिलिटी, फीडर स्कूल एंड कॉमन फैसिलिटी आदि बनाए जाने की योजना है।