हिमाचल प्रदेश में हर साल बढ़ रहा नशे करने वालों का ग्राफ

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है ताजा आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 70 फ़ीसदी युवा नशे की गिरफ्त में फस चुके हैं जबकि 2014 में यह आंकड़ा 54% था। सरकार नशे पर लगाम कसने के लिए योजनाएं बना रही है लेकिन नशे के कारोबार में संलिप्त युवाओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। युवाओं में बढ़ रही नशे की लत को रोकने के लिए कई समाजसेवी संस्थाएं भी सामने आ रही है।

शिमला के कालीबाड़ी हॉल में नशे के प्रति जागरूक करने के लिए एक जन अधिवेशन आयोजित किया गया जिसमें शिमला के कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने विचार विमर्श कर एकजुट होकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने की योजना बनाई। पहचान सोसायटी के अध्यक्ष बिंदु जोशी ने कहा कि नशे के खिलाफ समाज के सभी लोगों की भागीदारी बेहद आवश्यक है तभी इस बीमारी को दूर किया जा सकता है।

हिमाचल प्रदेश में नशे के दलदल में फंस रहे युवाओं का आंकड़ा हर साल बढ़ता ही जा रहा है। बिंदु जोशी का मानना है कि अगर समय पर इस बीमारी पर लगाम नहीं लगाई गई तो एक समय ऐसा आयेगा जब सर्वे ये पता करने के लिए किया जायेगा कि कितने लोग नशे में संलिप्त नहीं है।

बिंदु जोशी ने कहा कि युवाओं का नशे में फसने का सबसे बड़ा कारण बेरोजगारी भी है क्योंकि हर शख्स अपने परिवार के बेहतर जीवन देना चाहता और ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में गलत रास्ते को अपनाकर नशे के इस कारोबार में फंस जाता है। सरकार को बेरोजगारी को दूर करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए जिससे युवा इस दलदल में ना फंसे।

बिंदु जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार भांग को लीगल करने की बात कर रही है जो कि सीधे तौर पर प्रदेश में ड्रग माफिया को बढ़ावा देना वाला होगा इसलिए वे इसके खिलाफ है क्योंकि उत्तराखंड में भी भांग की खेती को लीगल किया गया है जिसके बाद से लोगों ने बागवानी छोड़ कर भांग की खेती करनी शुरू कर दी है जिससे वहां युवा पीढ़ी नशे की दलदल में फंस रही है इसलिए प्रदेश में भी भांग की खेती को लीगल करना सही नहीं होगा।