महिला परिचालक कविता ने ज्वॉइंन की ड्यूटी, पहले दिन ही अपने व्यवहार के कारण सराही गई

खबरें अभी तक। जींद जिले के गांव मोरखी की महिला कंडक्टर कविता ने आज अपना कामकाज संभाल लिया है.  बतौर परिचालक कविता का पहला दिन बेहद खास रहा. पहले दिन किसी से झगड़ा ने हो कविता ने खुले पैसे अपने बैग में रखे. साथ ही हर स्टोपिज आने पर आवाज लगाई. ऐसी पहल देख सभी यात्रियों ने कविता को आशीर्वाद दिया. साथ ही उसके व्यवहार के लिए कविता को सराहा. असल में कविता सभी यात्रियों को टिकट लेलो प्लीज कहकर टिकट दे रही थी. जिससे सभी यात्री उसके व्यवहार से खुश हुए.

बता दें कि कविता एक किसान परिवार से है. परिवार में उसका एक भाई है। कविता ने बीए तक की पढ़ाई की हुई है और वो पुलिस में भर्ती होना चाहती थी। लेकिन पुलिस में तो भर्ती नहीं हो सकी तो उसका हौंसला टूट गया था। तो उसके माता पिता ने उसको रोडवेज में कंडक्टर बनने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि बेटी पुलिस में तो हर कोई जाना चाहता है। लेकिन आज बेटियों बसों में भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में तुम रोडवेज में कंडक्टर के लिए आवेदन कर दो तो उसने ऐसा ही किया और उसका चयन इसमें आराम से हो गया।