यूपी का ऐसा रेलवे स्टेशन जहां टिकट ना ही बिकी है ना ही किसी ने खरीदी है

ख़बरें अभी तक। यह सुनकर आपको थोड़ा आश्चर्य होगा और शायद विश्वास भी नहीं होगा लेकिन यह सत्य है कि आजादी से आज तक कुछ ऐसे भी रेलवे स्टेशन है जहां प्लेटफार्म टिकट न तो बिका और न ही किसी ने खरीदा। हम बात कर रहे है यूपी के गोंडा की, जहां मुख्यालय के दो किनारों पर स्थित दो रेलवे स्टेशनों पर आजादी से लेकर आज तक एक भी प्लेटफार्म टिकट की बिक्री नहीं हुई है जबकि इन दोनों स्टेशनों पर प्रतिदिन चार सौ से लेकर छ: तक टिकटों की बिक्री होती है और स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव भी होता है।

गोरखपुर जाने वाले रेलमार्ग का गोंडा से चलने के बाद पहला स्टेशन सुभागपुर जहां रोजाना पांच सौ से लेकर छः सौ टिकट बिकते है लेकिन प्लेटफार्म टिकट कोई लेने वाला नहीं है। यहां के स्टेशन मास्टर लाला भैया का कहना है कि यहां प्लेटफार्म टिकट नहीं बिकता है। मैं दो वर्षों से यहां नियुक्त हूं लेकिन किसी ने टिकट नहीं मांगा। इस रूट पर चार जोड़ी पैसेंजर, तीन जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनें डेली है और हमसफ़र हफ्ते में तीन दिन अप डाउन, अंत्योदय का हफ्ते में एक दिन आना और जाना, एक सुशासन हफ्ते में एक दिन ग्वालियर से बलरामपुर आती जाती है साथ ही टिकट करीब पांच से छ: सौ के आस-पास बिक जाता है।

यह बात तो सुबह को रेलवे स्टेशन की थी, अब दूसरा स्टेशन मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित गोंडा -कचहरी रेलवे स्टेशन है. जो कचेहरी के पास है। इस स्टेशन पर आधे दर्जन के आस-पास ट्रेनों का ठहराव होता है जबकि गोंडा जंक्शन के बेहद करीब होने की वजह से प्रतिदिन इस स्टेशन पर दो दर्जन से अधिक ट्रेनो का ठहराव विभिन्न कारणों से हो ही जाता है।

यहां भी पांच से छः सौ टिकट प्रतिदिन बिक जाता है लेकिन प्लेटफार्म टिकट एक भी नहीं बिका है। स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों और रेलवे प्रशासन की लापरवाही उसे जहां रेलवे को एक बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है तो वहीं सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत बड़ी लापरवाही हो रही है और किसी भी बड़ी अनहोनी को दावत दिया जा रहा है।