उत्तरखंड: चमोली जनपद की गोपेशवर नगरपालिका उड़ा रही NGT के नियमों की धज्जियां

ख़बरें अभी तक। चमोली जनपद की 4 नगरपालिकाओं में सबसे बडी और जिला मुख्यालय गोपेश्वर की नगरपालिका में केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई मुहीम नमामि गंगे पर पलीता लगा रही है। साथ ही पालिका परिषद् खुल्लेआम नदी में कूड़ा डालकर एनजीटी के नियमो की धज्जियां उड़ा रही है। यही नहीं डंप किये गए कूड़े को पालिका के द्वारा आग लगाकर भी जलाया जा रहा है। जो कि सीधे सीधे एनजीटी के नियमो के विरुद्ध है।

दरअसल गोपेश्वर नगर पालिका में कूड़ा डंपिंग जोन ने होने से गोपेश्वर नगर से प्रतिदिन करीब 17 टन कूड़ा नगरपालिका के द्वारा अपने कूड़ा वाहनों में भरकर गोपेश्वर स्थित पोखरी बैंड के पास सड़क से नीचे एक पहाड़ी पर डाला जा रहा है। जिससे पालिका के द्वारा डंप किया गया कूड़ा पहाड़ी के नीचे बह रही बालखिला नदी से बह कर अलकनंदा नदी में प्रवाहित होने से नदी का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बालखिला नदी में पालिका के द्वारा कूड़ा गिराए जाने से नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। साथ ही पालिका द्वारा कूड़े को भी खुले में भी जलाया जा रहा है, फिर भी नगरपालिका इन सब बातो से अनजान बनी हुई है।

पुरे मामले पर नगरपालिका अद्यक्ष गोपेश्वर सुरेन्द्र लाल ने सफाई देते हुए कहा की पालिका द्वारा निर्धारित डंपिंग जोन में भूस्खलन होने से डंपिंग जोन की दीवार ढह गई थी। जिस कारण बालखिला नदी में कूड़ा गिर रहा है। डंपिंग जाँन की दीवार का प्राकलन बना कर शासन को भेज दिया गया है। स्वीकृत होने पर जल्द दीवार का निर्माण कार्य कर दिया जायेगा।