जानिए , साल 2019 का कुंभ मेला क्यों खास है, कब होगा शाही स्नान और क्या हैं तैयारियां …

 खबरें अभी तक। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला 15 जनवरी यानी मंगलवार से शुरू हो जाएगा. इसी दिन इसका पहला स्नान भी होगा. इस स्नान का बड़ा महत्व है. कहा जाता है कि ये सीधे स्वर्ग के दरवाजे खोल देता है. तय वक्त पर सभी अखाड़ों के साधु-संत संगम पर शाही स्नान करेंगे. ये स्नान शांति से निबटे, इसके लिए अखाड़ों का क्रम और स्नान के लिए जगह भी तय कर दी जाती है.

कब-कब होगा शाही स्नान?

मकर संकांति – 14 या15 जनवरी 2019 पौष पूर्णिमा- 21 जनवरी 2019 पौष एकादशी स्नान- 31 जनवरी 2019 मौनी अमावस्या- 4 फरवरी 2019 बसंत पंचमी- 10 फरवरी 2019 माघी एकादशी- 16 फरवरी 2019 माघी पूर्णिमा- 19 फरवरी 2019 महाशिवरात्रि- 04 मार्च 2019

शाही स्नान में क्या होता है

इसमें विभिन्न अखाड़ों से ताल्लुक रखने वाले साधु-संत सोने-चांदी की पालकियों, हाथी-घोड़े पर बैठकर स्नान के लिए पहुंचते हैं. सब अपनी-अपनी शक्ति और वैभव का प्रदर्शन करते हैं. इसे राजयोग स्नान भी कहा जाता है, जिसमें साधु और उनके अनुयायी पवित्र नदी में तय वक्त पर डुबकी लगाते हैं. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में डुबकी लगाने से अमरता का वरदान मिल जाता है. यही वजह है कि ये कुंभ मेले का अहम हिस्सा है और सुर्खियों में रहता है. शाही स्नान के बाद ही आम लोगों को नदी में डुबकी लगाने की इजाजत होती है.

ये स्नान तय दिन पर सुबह 4 बजे से शुरू हो जाता है. इस वक्त से पहले अखाड़ों के साध-संतों का जमावड़ा घाट पर हो जाता है. वे अपने हाथों में पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र लिए होते हैं, शरीर पर भभूत होती है और वे लगातार नारे लगाते रहते हैं. मुहूर्त में साधु न्यूनतम कपड़ों में या फिर निर्वस्त्र ही डुबकी लगाते हैं. इसके बाद ही आम जनता को स्नान की इजाजत मिलती है.

की गई है खास तैयारियां

इस मेले के लिए पिछले काफी महीनों से तैयारियां चल रही है. लोगों की सुरक्षा से लेकर छोटी-छोटी जरूरतों तक, हर एक चीज का ख्याल रखा गया है. लोगों को छोटी-छोटी चीजों की जानकरी लेने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े इसके लिए हेल्प लाइन नंबर सेवा शुरू की गई है. श्रद्धालुओं हेल्प नंबर पर कॉल करते ही सभी जानकारी दे दी जाएगी.

इलाज के लिए भी चाक-चौबंद इंतजाम

कुंभ मेले में 32 से भी ज्यादा अस्पताल संतों और श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों व अन्य जरूरतों को पूरा करेंगे. इसमें 100 बेड वाला एक अस्पताल प्रमुख है. इसके अलावा, हवाई और नौका वाले एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है. 100 बेड वाला अस्पताल पहले ही चालू हो चुका है और अब तक पर्यटकों समेत 10,000 से भी ज्यादा मरीजों का यहां इलाज हो चुका है. शाही स्नान से ठीक पहले कुंभ में दो दर्जन दांत के डॉक्टर्स समेत 2,000 से भी ज्यादा डॉक्टर मौजूद होंगे. भगदड़, डूबने और आग जैसी स्थितियों से निपटने के लिए डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

कुंभ में मौजूद 100 बेड वाले सेंट्रल अस्पताल  में अलग-अलग मेडिकल टीम मरीजों के लिए आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज भी उपलब्ध होगा.

क्या होगा इस मेले में खास

इस बार इस मेले में पहती बार किन्नर अखाड़ा भी भाग ले रहा है. धर्म व समाज में उपेक्षित किन्नर को सम्मान देते हुए जूना अखाड़े ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया है.