‘जस्टिस महेश्वरी और खन्ना को SC का जज नियुक्त करने की सिफारिश गलत’

ख़बरें अभी तक। दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज कैलाश गंभीर ने जस्टिस दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट भेजने की कॉलेजियम की सिफारिश का विरोध किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में जस्टिस गंभीर ने 32 वरिष्ठ जजों की अनदेखी कर जस्टिस महेश्वरी और खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश को गलत बताया है। उन्होंने राष्ट्रपति से इस ‘ऐतिहासिक भूल’ को रोकने के लिए कहा है।

गंभीर ने राष्ट्रपति से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। जस्टिस गंभीर ने सोमवार को लिखे पत्र में कहा, 11 जनवरी, 2019 को मैंने खबर पढ़ी कि कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश महेश्वरी और दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना को कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। पहली नजर में मुझे इस खबर पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन यह सच था।

जस्टिस गंभीर ने लिखा कि अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है, जब डेढ़ महीने पहले पिछले कॉलेजियम ने जस्टिस दिनेश महेश्वरी की वरिष्ठता की अनदेखी की थी। अब अचानक उन्हें उपयुक्त पाते हुए उनकी सिफारिश की गई है। यह अपमानजनक है कि 32 जजों की अनदेखी की जा रही है, जिनमें कई मुख्य न्यायाधीश भी हैं। जस्टिस गंभीर ने पत्र में लिखा, सब जानते हैं कि जस्टिस खन्ना स्वर्गीय जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं।

न्यायाधीशों के बहुमत के फैसले से जस्टिस एचआर खन्ना ने असहमति जताई थी।अब जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश उनके महान ताऊ के साहसिक फैसले को श्रद्धांजलि है। तब जस्टिस एचआर खन्ना की जगह एचएम बेग को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने को भारतीय न्यायपालिका में काला दिन कहा जाता है। ठीक उसी तरह अगर 32 वरिष्ठ जजों की अनदेखी कर जस्टिस संजीव खन्ना को जज बनाया जाता है तो यह दूसरा काला दिन होगा।