बड़े नेताओं की बयानबाजी से बिलासपुर कांग्रेस आहत, सुखू के पक्ष में जिलाध्यक्ष को सौंपे इस्तीफे

ख़बरें अभी तक। प्रदेश में पुर्व मुख्यमंन्त्री वीरभद्र सिंह और पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सुखू में चल रही बयानबाजी से जिला स्तर पर भी अब असर देखने को मिल रहा है। जहां सुखू के पक्ष में संगठन के पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे सौंपने का एलान कर दिया है। वहीं बड़े नेताओं को भी संयम बरतने की भी सलाह दी गयी है। बिलासपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के संगठन को जो मजबूती सुखु के कार्यकाल में मिली है। वो शायद इससे पहले नहीं मिल पाई है। सुखू जैसे कर्मठ व्यकित के ऊपर बेकार की छींटाकशी करके पार्टी को नुकसान पहुंच रहा है।

कश्यप ने अप्रत्यक्ष तौर पर पूर्व मुख्यमंन्त्री वीरभद्र सिंह समेत उन सभी पर हमला बोला जो लोग सत्ता का मजा लेकर आये हैं। कश्यप ने कहा कि सत्ता का मजा लेने वाले नेता पहले अपने गिरेवानन में झांक कर देखे कि उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए कितना योगदान दिया है।

वहीं, बिलासपुर सदर मंड़ल अध्यक्ष तेजस्वी शर्मा ने सीधे तौर पर सुखू की सराहना करते हुए कहा कि आज संगठन अगर बूथ स्तर पर मजबूत हुआ है, तो उसका श्रेय सुखविंदर सुखू को जाता है। शर्मा ने दुख जताया की पार्टी के वरिष्ठ नेताओ की सोच व समझ से प्रदेश भर में कांग्रेस की जो किरकिरी हो रही है वो समझ से परे है।

कांग्रेस नेताओं ने वताया की बिलासपुर जिले में पांच प्रमुख संगठनों के पदाधिकारियों ने इस बयानबाजी से आहत होकर अपने इस्तीफे सौंपे है और कांग्रेस के जिलाध्यकक्ष कमलेंद्र कश्यप ने भी  अपने इस्तीफे का एलान कर दिया है।

वहीं,कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष का सीधे तौर पर सुखू के समर्थन मे  सामने आना कहीं न कहीं बगावत की चिंगारी का काम भी कर सकता है। जो कि अन्य जिलों में भी आग सुलगा सकता है।