सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्ति पर उठे सवाल

ख़बरें अभी तक। कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और दिल्ली हाई कोर्ट के जज संजीव खन्ना को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया है। इस फैसले की सुप्रीम कोर्ट के 2 पूर्व चीफ जस्टिस ने आलोचना करते हुए फैसले पर ऐतराज जताया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी इसका विरोध किया है। जस्टिस संजीव खन्ना के प्रमोशन पर ऐतराज जताते हुए कहा गया है कि उन्हें कई जजों की वरीयता को दरकिनार करते हुए प्रमोशन दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के एक पूर्व जज ने प्रेसिडेंट को लेटर लिखकर इसे न्यायपालिका के लिए काला दिन बताया है।

 

सुप्रीम कोर्ट के जिस कोलेजियम ने यह फैसला लिया है, उसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस ए. के. सीकरी, एस. ए. बोडबे, एनवी रमन्ना और अरुण मिश्रा शामिल थे। 10 जनवरी को यह सिफारिश केंद्र को की गई। यह भी बताया गया है कि पहले के कोलिजम ने दिसंबर में जो निर्णय लिया था उस पर नए सिरे से विचार किया गया है। गौरतलब है कि पुराने कोलेजियम में जस्टिस एम. बी. लोकुर भी थे जो रिटायर हो चुके हैं। उनकी जगह जस्टिस अरूण मिश्रा को लिया गया है।

 

कोलेजियम ने राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नदारजोग और दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी लेकिन उसे वापस ले लिया गया। इस वजह से भी इस फैसले की आलोचना की जा रही है।