21 जनवरी को पड़ रहा साल का पहला चंद्र ग्रहण

ख़बरें अभी तक।  21 जनवरी को साल का दूसरा ग्रहण लगने वाला है यह ग्रहण साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रण होगा। इससे पहले 6 जनवरी को सूर्यग्रहण लगा था। लेकिन यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण मध्य प्रशांत महासागर, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार, यह चंद्र ग्रहण 20 जनवरी की रात 08:07:34 से अगले दिन 21 जनवरी को 13:07:03 बजे तक रहेगा। पिछला पूर्ण चंद्र ग्रहण साल 2018 में 27 जुलाई को पड़ा था, जो 1 घंटा 43 मिनट तक चला था।
इस चंद्रग्रहण को सुपर बल्ड वुल्फ मून कहा जा रहा है। 20 और 21 जनवरी की दरम्यान लगने वाला ग्रहण तीन चरणों में लगेगा। इस दौरान पूरा आकाश लाल रंग का चमक उठेगा। चंद्रमा पर लगने वाली इस पूरी प्रक्रिया को नासा ने मोस्ट डैजलिंग शो यानी सबसे चमकदार शो कहा है। चूंकि इस दौरान चांद पृथ्वी के सबसे करीब होगा इसलिए इसे सुपरमून भी कहा जाता है।

नासा के मुताबिक सुपर मून या फुल मून पर चंद्रमा अन्य दिनों के मुकाबले धरती के सबसे करीब 3,63,000 किमी दूर होता है। जब चंद्रमा पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी पर होता है तब वह 4,05,000 किमी की दूरी पर होता है। सुपर मून पर चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी अधिक चमकदार होता है। इस दौरान चांद का रंग लाल तांबे जैसा नजर आता है, इसलिए इसे ब्लड मून भी कहा जाता है। ग्रहण के दौरान चंद्रमा के रंग बदलने पर वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान सूरज की रोशनी धरती से होकर चंद्रमा पर पड़ती है। हमारे ग्रह की छाया पड़ने की वजह से चंद्रमा का रंग ग्रहण के दौरान बदल जाता है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि तीन खगोलीय घटनाओं के संयोग से बन रहे इस पूर्ण चंद्र ग्रहण की रात को आसमान में अद्भुत नजारे दिखाई देंगे। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन जिन क्षत्रों में भी दिखाई देगा वहां इस अद्भुत नजारे को बिना किसी उपकरण के खुली आंखों से देखा जा सकेगा। बता दें कि पूर्ण चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक लाइन में होते हैं। ऐसा सिर्फ फुल मून डे पर ही होता है। माना जाता है कि ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए। लेकिन इस समय बच्चे, वृद्ध ,गर्भवती महिला या रोगी को खाना या दवा दें सकते है।