पंचायत का तुगलकी फरमान, कसम खिलाने पर परिवार का हुका-पानी बंद

ख़बरें अभी तक। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक सामाजिक उत्पीड़न का मामला सामने आया है। मामला थाना सदरपुर के ग्राम पोखरा कलां का है। यहां कसम खिलाने पर एक परिवार का हुक्का-पानी बंद करने, जुर्माने में एक लाख रुपए तथा सात जवार का खाना खिलाने का फरमान पंचायत ने सुनाया है। इतना ही नहीं, सोनकर बिरादरी के सैकड़ों गांवों में बसे लोगों को फैसले की चिट्ठियां भी भेज दी गई हैं। सामाजिक उत्पीड़न के इस मामले में सदरपुर थानाक्षेत्र के पोखराकलां गांव निवासी प्रेम पुत्र आशाराम ने बताया कि बीते माह छह दिसम्बर की रात उनके दरवाजे से दो भैंसा चोरी हो गए थे। उसने सात दिसम्बर को सदरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई, प्रेम को गांव के ही कुछ लोगों पर शक हुआ। गांव वालों ने मिलकर चौपाल आयोजित कर सबको कसम खाने पर सहमति बनाई।

गांव में स्थित ब्रह्मचारी बाबा के स्थान पर प्रेम ने गांव के कुर्मी, धोबी, कहार, गुप्ता के साथ भार्गव बिरादरी के इंदर पुत्र खुशीराम ने चोरी न करने की कसम खाई। बताया जाता है कि कसम में ये शर्त रखी गई थी कि यदि कसम पूरी नहीं होगी तो जुर्माने में एक लाख रुपए व सात जवार का खाना प्रेम को देना पड़ेगा। कसम में आठ दिन का समय रखा गया था। इधर आठ दिन बीतते ही खटिक बिरादरी के प्रेम के विरुद्ध इंदर ने गांव में क्षेत्रीय बिरादरी के राउत (मुखिया) व नायब को बुलाकर दो बार पंचायत बैठाई गई। जिसमें प्रेम अपनी समस्याओं को लेकर शामिल नहीं हो पाए। इसी बात को लेकर प्रेम के विरुद्ध पंचायत में यह फैसला सुनाया गया कि कसम पूरी नहीं हुई है। अब प्रेम को जुर्माना अदा करना पड़ेगा और तब तक हुक्का-पानी बिरादरी द्वारा बंद किया जाता है।